साहित्यडीपी सिंह की रचनाएं Posted on October 4, 2022 by admin खा के पैसे – ज़मीन, भूल गये कर के वा’दे हसीन, भूल गये देखा हमने जो हाल दिल्ली का तब से करना यक़ीन भूल गये डीपी सिंह बारिश में भी कम नहीं हुआ उत्साह, नवमी की सुबह से ही पूजा पंडालों में उमड़ने लगी भीड़ मकस कहानिका परिवार ने मनाया दुर्गाष्टमी पर “माता का जगराता”