कोलकाता। दिल्ली की एक अदालत ने पश्चिम बंगाल में कथित कोयला खनन घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में एक आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। विशेष न्यायाधीश अनुराग सेन ने गुरुपद माझी को जमानत देने से इनकार कर दिया। माझी को मई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस आरोप में हिरासत में लिया था कि वह मामले में एक प्रमुख आरोपी या ‘‘सरगना’’ अनूप माझी का साझेदार है।
न्यायाधीश ने कहा कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) में परिभाषित मापदंडों पर विचार करते हुए, ‘‘मुझे यह मानने का कोई उचित आधार नहीं मिलता है कि आरोपी गुरुपद माझी कथित अपराधों के लिए दोषी नहीं हैं।’’ न्यायाधीश ने मंगलवार को दिए आदेश में कहा, ‘‘रिकॉर्ड में रखी गई सामग्री और कथित अपराधों की गंभीरता को देखते हुए प्रथम दृष्टया यह नहीं कहा जा सकता है कि आरोपी के जमानत पर रहने के दौरान ऐसा कोई अपराध करने की संभावना नहीं है।’’
न्यायाधीश ने यह कहते हुए चिकित्सा आधार पर आरोपी को जमानत पर रिहा करने से भी इनकार कर दिया कि पिछले महीने इसी तरह की एक याचिका खारिज कर दी गई थी और उसकी स्वास्थ्य स्थिति के संबंध में परिस्थितियों में कोई नया बदलाव नहीं हुआ है।
ईडी की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक नीतेश राणा ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए अदालत को बताया कि आरोपी ने ‘‘या तो खुद को या अपने भतीजे तापस माजी को 89.4 करोड़ रुपये की अपराध से अर्जित आय भेजी।’’ राणा ने कहा कि इसके अलावा, आरोपी ने अवैध कोयला खनन गतिविधियों से उत्पन्न पीओसी (अपराध की आय) को वैध कोष बताने के लिए कोलकाता स्थित कई मुखौटा कंपनियों का अधिग्रहण किया है।
राणा ने अदालत को बताया, आगे आरोपी के कार्यालय से आयकर विभाग द्वारा जब्त किए गए डिजिटल साक्ष्य और रिकॉर्ड की जांच करने पर यह पता चला कि वह अवैध कोयला खनन में शामिल था और अवैध खनन व्यवसाय में सह-आरोपी अनूप माजी के भागीदारों में से एक था और सह-आरोपी अनूप माजी ने अपने बयान में इसे स्वीकार किया है।’’
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की युवा शाखा के नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा और बांकुरा थाना के पूर्व प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा को पहले गिरफ्तार किया गया था। वे फिलहाल चिकित्सकीय जमानत पर बाहर हैं। ईडी ने इस मामले में टीएमसी सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से पूछताछ की है, जबकि उनकी पत्नी रुजीरा को भी तलब किया गया था।