विनय सिंह बैस, नई दिल्ली । राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक जाने वाले 3.2 किलोमीटर लंबे कर्तव्य पथ पर मुझे यह दिखा :-
1. पुराने राजपथ के किनारे स्थित मौरंग के फुटपाथ के स्थान पर लाल रंग के ग्रेनाइट का चौड़ा और खूबसूरत 15.5 किलोमीटर का वॉकवे।
2. पथ के दोनों और कुछ दूर तक खेल मैदानों जैसी सुंदर और कोमल घास और उन पर कदम रखते ही सीटी बजाकर चेताते गार्ड।
3. पूरे रास्ते में जगह-जगह लगे हुए बिल्कुल नए डस्टबिन।
4. पथ के दोनों तरफ खूबसूरत लाइटिंग।
5. दोनों तरफ साउंड सिस्टम की जबरदस्त व्यवस्था।
6. 19 एकड़ में बनी नहर में 16 सुंदर पुल और उनमें रंग- बिरंगी लाइटिंग।
7. इंडिया गेट के बिल्कुल सामने वाली अति व्यस्त सड़क के नीचे अंडर पास।
8. अंडर पास में कर्तव्य पथ के विभिन्न भागों को दर्शाते हुए सुंदर और बड़े-बड़े चित्र।
9. सेंट्रल विस्टा का इतिहास और भविष्य की जानकारी देते कई बोर्ड।
10. इंडिया गेट के पीछे स्थित छतरी में स्थापित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फीट ऊंची मूर्ति ।
इसी छतरी के नीचे कभी जॉर्ज पंचम की मूर्ति हुआ करती थी।
11. “राजपथ” की जगह “कर्तव्य पथ” का साइनबोर्ड।
12. सुरक्षा के व्यापक और
चाक-चौबंद इंतजाम।
13. बढ़िया साफ सफाई। गंदगी फैलाने वालों पर 50 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक का जुर्माना।
14. पार्किंग की उत्तम और बेहतर व्यवस्था।
क्या नहीं दिखा :-
1. इंडिया गेट के नीचे जलने वाले ‘अमर जवान ज्योति’ जिसका अब ‘समर स्मारक’ के साथ विलय कर दिया गया है।
2. बोट क्लब और उसमें तैरने वाली नावें। नहर में कम ऊंचाई के कई पुल बन जाने से अब शायद ही बोटिंग हो पाए।
3. कुल्फी, आइसक्रीम, चना पॉपकॉर्न बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर। अगर कोई अनधिकृत दिख गया तो उसका चालान। हालांकि इंडिया गेट के पास दिखे।
4. घास में चलने और बैठने की समाजवादी सुविधा। घास में पैर रखते ही प्राइवेट गार्ड सीटी बजाने लगता है।
5. फ़िलहाल पानी पीने और शौचालय की सुविधा नहीं है। (हालांकि बोर्ड लगे हुए हैं शायद भविष्य में हो)
6. वेंडिंग जोन।