कोलकाता। पश्चिम बंगाल की 29 वर्षीय अनुप्रभा दास मजूमदार ने आखिरकार अपने आधार कार्ड (Aadhaar Card) पर ट्रांसजेंडर (Transgender) या टीजी की मुहर लगवा ली है। उनके लिए यह एक बड़ी लड़ाई जीतने जैसी है। इसी के साथ वह भारत में सबसे महत्वपूर्ण पहचान दस्तावेज पर अपनी पसंद का जेंडर छपवाने वाली राज्य और शायद देश की पहली व्यक्ति बन गई हैं। अनुप्रभा दास मजूमदार बायलॉजिकली एक पुरुष हैं। वह खुद को ट्रांसजेंडर बताती है। हालांकि अभी तक उनके आधार कार्ड पर उनका ऑरिजनल नाम अचिंता दास मजूमदार था और उनका जेंडर ‘पुरुष’ मेंशन था।
आधार कार्ज पर ट्रांसजेंडर मेंशन करने की प्रक्रिया इस जुलाई में शुरू हुई थी। यूआईडीएआई (UIDAI) ने वेरिफिकेशन के लिए वैलिड सपोर्टिव डॉक्यूमेंट्स में से एक के रूप में TG पहचान पत्र को शामिल किया था। अनुप्रभा दास मजूमदार को मई में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से अपना ट्रांसजेंडर पहचान (टीजी) कार्ड मिला था और जुलाई में यूआईडीएआई नोटिफिकेशन पब्लिश होते ही उन्होंने नए आधार के लिए आवेदन कर दिया था। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक मजूमदार का कहना है, “मुझे बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि मेरे पुराने आधार कार्ड में जेंडर में मुझे पुरुष के रूप में मेंशन किया गया था।
अब, नए कार्ड में मेरा नाम और वह जेंडर है, जिससे मैं खुद को पहचानती हूं। मैं बहुत खुश हूं क्योंकि इसका मतलब है कि थर्ड जेंडर को मान्यता और स्वीकृति मिल गई है।” अनुप्रभा के मुताबिक ट्रांसवुमन के रूप में जीवन बिताना काफी मुश्किल रहा है। बाहर आने के बाद अपने परिवार से दूर रहने के कारण, उसे कॉलेज भी छोड़ना पड़ा और अन्य शहरों की यात्रा करनी पड़ी ताकि वह काम कर सके। वह अब एक एनजीओ प्रान्तकथा के साथ काम करती है, जो जेंडर राइट्स के लिए काम करता है। अनुप्रभा बताती है कि नया आधार कार्ड प्राप्त करना इतना आसान नहीं था।
जब वह साल्ट लेक में एक आधार केंद्र के पास पहुंची, तो कर्मचारियों ने उसे मना कर दिया क्योंकि उन्हें टीजी कार्ड के वैध दस्तावेज होने की जानकारी नहीं थी, बंगाल के यूआईडीएआई मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के कदम उठाने के बाद ही उनके अनुरोध पर विचार किया गया। नेशनल ट्रांसजेंडर पोर्टल के अनुसार, अब तक 216 व्यक्तियों ने टीजी कार्ड के लिए आवेदन किया है, जिनमें से केवल 17 को ही कार्ड प्राप्त हुआ है।