हाऊ कैन यू रोक मी???

विनय सिंह बैस, नई दिल्ली । तांबरम, चेन्नई ट्रेनिंग सेंटर में हमारे एक बैच मेट थे। नाम था —धर्मेंद्र कुमार। 6 फीट लंबा कद, पक्का रंग, बलिष्ठ और कसरती शरीर यानी हार्डवेयर बिल्कुल फिट फाट था बल्कि बहुत अच्छा था। लेकिन सॉफ्टवेयर में कुछ गड़बड़ था। साथ के लोग मजाक करते थे कि भगवान ने इन्हें जल्दी में बनाया इसलिए दिमाग के एक-दो स्क्रू टाइट करना भूल गए थे। उम्र भी उनकी हम लोगों से काफी अधिक लगती थी। लोग तो यह भी कहते थे कि वायुसेना की परीक्षा में बैठने के लिए उम्र कम कराने हेतु शायद उन्होंने दो-तीन बार हाई स्कूल किया होगा।

Vinay Singh
विनय सिंह बैस

आश्चर्य तो हमें यह भी लगता था कि अपने इस गड़बड़ सॉफ्टवेयर के बावजूद वह वायु सेना की तकनीकी ट्रेड की परीक्षा में पास कैसे हो गए थे?? लेकिन फिर यह मानकर विश्वास कर लेते थे कि शायद उस दिन उनकी कलम में मां सरस्वती का वास रहा होगा और सारे ऑप्शन सही टिक हो गए होंगे। खैर, साढ़े सात महीने की ट्रेनिंग के बाद जब हम लोगों को 4 सप्ताह की छुट्टी मिली तो हम सब बहुत खुश थे। छुट्टी से वापस आए तो कोई घर से घी लाया, कोई तिल के लड्डू और पेड़ा। हम लोग रिचार्ज होकर लौटे थे तथा एक दूसरे को घर का बना हुआ सामान बांट कर खुश हो रहे थे।

लेकिन धर्मेंद्र कुमार खुश नहीं थे। असल में हुआ यह था कि छुट्टी के दौरान धर्मेंद्र कुमार के घर वालों ने उनकी शादी तय कर दी थी। हालांकि उनका चयन अग्निवीर की तरह चार साल के लिए नहीं बल्कि पूरे 20 साल के लिए हुआ था। लेकिन पता नहीं क्या समझ कर उनके घर वालों ने इनकी शादी तय कर दी। अब धर्मेंद्र जी परेशान रहने लगे। क्योंकि ट्रेनिंग के दौरान छुट्टी मिलना लगभग असंभव होता है। खैर धर्मेंद्र कुमार हिम्मत करके हमारे कोर्स सुपरवाइजर के पास गए और जैसे ही इन्होंने शादी के लिए छुट्टी की बात की, उन्होंने डांट कर इनको भगा दिया। बोले पहले खुद को संभाल लो, फिर किसी और को संभालने की जिम्मेदारी लेना।

लेकिन चंबल क्षेत्र के बागी धर्मेंद्र कुमार ने हिम्मत नहीं हारी और एक दिन मौका देखकर फ्लाइट कमांडर को सैलूट करके उनके कमरे में घुस गए। फ्लाइट लेफ्टिनेंट कौशल साहब ने पूछा-
” बोलो क्या बात है डी कुमार??
इतना सुनते ही धर्मेंद्र कुमार ने अपनी सारी व्यथा उड़ेल दी। बोले-” सर, अब हम आपको का बताएं। हमारे घर वालों ने हमाई शादी तय कद्दी है। तो हमको छुट्टी चाहिए, शादी करने के लिए। ”
कौशल साहब इतना सुनते ही गुस्से में आ गए। बोले- “क्या बकवास कर रहे हो? क्या तुम्हें पता नहीं है कि वायुसेना में 25 वर्ष से पहले शादी की अनुमति नहीं मिलती है और प्रशिक्षण के दौरान तो बिल्कुल भी नहीं। Get out from here.”

लेकिन धर्मेंद्र कुमार get out नहीं हुए। उन्होंने अपना रोना- गाना जारी रखा। तो कौशल साहब और गुस्से में आ गए तथा बोले-
“Well, AC (U/T) D Kumar, If you do not get-out and keep on insisting for marriage permission, I will take disciplinary action. I will raise your chargesheet.”

धर्मेंद्र कुमार, जो अब तक याचक की मुद्रा में थे। अंग्रेजी में डांट सुनते ही उनको भी जोश आ गया और बोले-
“सर चार सीट करिए चाहे छह सीट करिए। घर वालों ने टेंट, हलवाई बैंड-बाजा बुक कर दिया है। अब तो शादी के कार्ड भी छप गए हैं।
‘हाउ कैन यू रोक मी’??
और धर्मेंद्र कुमार शादी करके ही माने।
आज पता नहीं क्यों धर्मेंद्र कुमार की बहुत जोर से याद आ गई।

नोट– हालांकि अपनी अच्छी अंग्रेजी और स्मार्ट सॉफ्टवेयर के चलते 24 महीने की ट्रेनिंग, धर्मेंद्र कुमार ने पूरे 32 महीने में पूरी की।

(विनय सिंह बैस)
धर्मेंद्र कुमार के बैच मेट

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