बंगाल में घोड़ा-गाड़ियों को ई-कैरिज में बदलने की पेटा ने की मांग

कोलकाता। पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पर्यटकों की सवारी के लिए इस्तेमाल होने वाली घोड़ा-गाड़ियों के स्थान पर ई-कैरिज के इस्तेमाल के लिए एक नीति बनाने का आग्रह किया है। पेटा इंडिया के एडवोकेसी ऑफिसर समित रॉय ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पेटा और केप फाउंडेशन द्वारा जुलाई-अगस्त 2021 और नवंबर-दिसंबर 2021 में किए गए एक आकलन के अनुसार, पर्यटक सवारी के लिए घोड़ा-गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाले 81 प्रतिशत घोड़ों की हालत ठीक नहीं है। उन्हें ठीक से खिलाया नहीं जाता है।

मूल्यांकन के मुताबिक, सवारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 100 से अधिक घोड़े रक्तहीनता से पीड़ित, कुपोषित और लंबे समय से भूखे थे, कुछ गंभीर चोटों से पीड़ित भी थे, जिनमें हड्डी का टूटना भी शामिल है। इसके अलावा कई घोड़े जर्जर परिसर में कचरे के बीच खड़े होने के लिए मजबूर हैं। समित ने कहा, “दो-तिहाई कुपोषित घोड़े किसी न किसी प्रकार के घाव से पीड़ित हैं। पुलिस को इन घोड़ा-गाड़ियों के मालिकों को लाइसेंस जारी करना बंद कर देना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “हमने पर्यटक सवारी के लिए घोड़ों के इस्तेमाल को खत्म करने की नीति के लिए राज्य सरकार को सिफारिशें सौंपी थीं। बृहस्पतिवार को हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अस्वस्थ और बिना लाइसेंस वाले घोड़ों को जब्त करने के लिए एक कानून प्रवर्तन समिति गठित करने का आह्वान कर रहे हैं। हम उनसे आग्रह करते हैं कि घोड़ा-गाड़ियों के स्थान पर आकर्षक ई-रिक्शा चलाने के लिए नीति बनाई जाए।”

उन्होंने बताया कि जब पेटा ने 10-12 मई तक इन घोड़ों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया, तो कोई भी घोड़ा-गाड़ी मालिक नहीं आया। रिपोर्ट में एक तथ्य पत्रक में घोड़ों से जुड़ी 10 सड़क दुर्घटनाओं को सूचीबद्ध किया गया है । ये दुर्घटनाएं पर्यटकों को ढोने के लिए उनके इस्तेमाल से होने वाले खतरे को उजागर करती है। रॉय ने कहा “इस तरह की दुर्घटनाएं जानवरों को अनावश्यक दर्द देती हैं। साथ ही पर्यटकों और सड़क पर आम यात्रियों के लिए संभावित सुरक्षा का जोखिम पैदा करती हैं।”

उन्होंने कहा “कोलकाता में घोड़ा-गाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए और उनकी जगह ई-वाहनें चलाईं जानी चाहिए। ई-कैरिज ने मुंबई में घोड़ा-गाड़ियों का सफलतापूर्वक स्थान ले लिया है और रोजगार के नए अवसर प्रदान किए हैं।” कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक पीठ ने हाल ही में पेटा और केप फाउंडेशन को राज्य सरकार के साथ काम करने का निर्देश दिया था, ताकि आवश्यक पशु चिकित्सा सेवाओं और भोजन के साथ विक्टोरिया भवन के आसपास पर्यटकों के लिए घोड़ा-गाड़ियों के इस्तेमाल के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

9 − 1 =