कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) इस बात की जांच कर रहा है कि पश्चिम बगाल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक किसान को अपने खेत में मिले ड्रोन का कहीं सीमापार अपराधों के लिए ‘दुरुपयोग’ तो नहीं किया जा रहा था। बीएसएफ के साउथ बंगाल फ्रंटियर के कोलकाता स्थित मुख्यालय ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि उसने उत्तर 24 परगना जिले के पेट्रापोल में स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क किया है, ताकि काले क्वाडकॉप्टर मॉडल संख्या ‘एस 500’ की फॉरेंसिक जांच कराने के लिए उसे अपने कब्जे में लिया जा सके।
बीएसएफ ने कहा, ‘‘ इस ड्रोन का निर्माण चीन में किया गया है और उसे 19 मार्च को सुबह करीब छह बजे (उत्तर 24 परगना जिले के) पूरबपाड़ा में किसान पंकज सरकार ने अपने खेत में पाया।’’ उसने कहा, ‘‘ यह खेत अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 300 मीटर दूर है। उस किसान ने टूटे ड्रोन को उठा लिया एवं उसे पेट्रापोल थाने के अधिकारियों को सौंप दिया।’’ उसने कहा कि समीप की कल्याणी चौकी से बीएसएफ के जवान मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्हें ज्यादा जानकारी एवं ड्रोन नहीं मिला, इसलिए उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।
बीएसएफ ने कहा कि यह पाया गया कि उस ड्रोन में कोई कैमरा नहीं है और उसपर अबतक किसी ने दावा नहीं किया है। उसने कहा, ‘‘ हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि इस ड्रोन का कहीं सीमा पर सुरक्षा को भंग करने की साजिश के तौर पर या फिर सीमापार तस्करी के लिए ‘दुरुपयोग’ तो नहीं किया जा रहा था।बीएसएफ ने कहा कि उसने ड्रोन के बारे में सूचना जुटाने की कोशिश की और उसे पता चला कि कल्याणी गांव के एक निवासी एवं उसके बेटे ने कथित रूप से बनगांव की ओर से एक अज्ञात उड़ती हुई चीज देखी, जिससे रोशनी निकल रही थी और वह 18 मार्च को रात करीब 10 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गयी।
वैसे तो पाकिस्तान के साथ भारत के पश्चिमी मोर्चे पर तैनात बीएसएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां, हथियार, गोला-बारूद और ड्रग्स ले जाने वाले ड्रोन के उभरते खतरे से जूझ रही हैं, लेकिन यह शायद पहली बार है जब इस तरह की संदिग्ध उड़ने वाली वस्तु बांग्लादेश के साथ पूर्वी मोर्चे पर मिली है।एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि जांच से ही पता चलेगा कि क्या यह कोई नापाक ड्रोन गतिविधि थी या कोई मानवरहित यान को यूं ही उड़ा रहा था।