भोजपुरी होली – करे ले ठिठोली रे कान्हा
करेले ठीठोली रे कान्हा कदमिया पर चढ़ी के।
रंगवा नहवावे रे सखिया गगरिया मे भरी के।
बड़ा रे ई बाउर लागे जमुना के पनिया हो।
मीठी फुसलाई कहे आवा राधा रनीया हो।
मारी पिचकारी ये सखिया अँचरा के धरी के।
करेले ठीठोली रे कान्हा कदमिया पर चढ़ी के।
केतनों लुकाई रे बनवा खोजी हमे ले ले हो।
झटके से आई कान्हा अंकवारी भरी ले ले हो।
डूबी मरी जाई रे सखिया जमुना मे डूबी के।
करेले ठीठोली रे कान्हा कदमिया पर चढ़ी के।
काहे लगवला कान्हा राधा संग पिरितीया हो।
रुकमनी के धई हथवा कईला काहे घतीया हो।
उठाई लेता हमके बिधना जईती हम मरी के।
करेले ठीठोली रे कान्हा कदमिया पर चढ़ी के।
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि, लेखक