।।वक्त।।
रीमा पांडेय
तुम न आए तो बुरा होता है
दिल ये दिल से ही जुदा होता है
बेसहारा हूँ तो ग़म क्या करना
बेसहारों का खुदा होता है
फेर लेते हैं नज़र अपने भी
यारो जब वक्त बुरा होता है
काम आये जो मुसीबत में
आदमी वो ही भला होता है
क्या बिगाड़ेगा ज़माना उनका
हाथ जिन पर ख़ुदा का होता है
वो जो नाकाम रहें हैं अब तक
उनको क़िस्मत से गिला होता है
फिक्र इतनी न करो तुम रीमा
एक दिन सबका बड़ा होता है