कोलकाता । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत मात्र एक सप्ताह के अंतराल में दूसरी बार बंगाल दौरे पर आ रहे हैं और वह इस बार लगभग सात दिनों तक बंगाल में रहेंगे और आरएसएस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रणनीति बनाएंगे। वह 17 फरवरी तक राज्य में रहेंगे। इस दौरान वह उत्तर बंगाल और बर्दवान में संघ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। आरएसएस प्रमुख 31 जनवरी को कोलकाता दौरे पर आये थे। उन्होंने एक और दो फरवरी को केशव भवन में आरएसएस की अखिल भारतीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारी उपस्थित थे। सूत्रों के मुताबिक उस बैठक में मार्च में अहमदाबाद में होने वाली आरएसएस की कार्यकारिणी की बैठक की तैयारियों की समीक्षा की गयी थी, लेकिन आरएसएस प्रमुख का यह दौरा पूरी तरह से बंगाल केंद्रित है और बंगाल में संगठन विस्तार पर चर्चा होने होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक मोहन भातवत के साथ दत्तात्रेय होसबले और छह अन्य शीर्ष नेता भी आ सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस प्रमुख 10 तारीख को बागडोगरा हवाईअड्डे से उत्तर बंगाल के लिए अपनी यात्रा शुरू करेंगे। वह 14 तारीख तक उत्तर बंगाल में रहेंगे, 15 तारीख की रात बर्दवान के लिए रवाना होंगे। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह वहां से कोलकाता आएंगे या नहीं। मोहन भागवत 17 फरवरी को वापस नागपुर लौटेंगे। दरअसल उत्तर बंगाल और बर्दवान में आरएसएस की मजबूत मौजूदगी है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि आरएसएस प्रमुख का इन दोनों जगहों का दौरा कोई संयोग नहीं है, बल्कि संगठन को और भी मजबूत बनाने की कवायद है।
संघ के सूत्रों के अनुसार बैठक में आदिवासी कल्याण आश्रम, विश्व हिंदू परिषद जैसे अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक का मुख्य मकसद प्रचारकों के कार्य क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को सुनना और उसका निदान ढूंढना है. इसके अलावा संघ के कार्यों को विस्तार करने और अनुषांगिक संगठनों के साथ तालमेल की रणनीति भी बनाई जाएगी। सूत्रों ने बताया है कि न केवल संघ और अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ मोहन भागवत की बैठक होनी है बल्कि कई अन्य क्षेत्रों जैसे राजनीतिक, सामाजिक, औद्योगिक और सांस्कृतिक जगत की हस्तियां भी उनसे मुलाकात कर सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तर बंगाल में आरएसएस की लभगग 600 शाखाएं हैं और लगभग 500 मिलन हैं। उत्तर बंगाल में सिक्किम को लेकर पांच विभाग और 14 जिले हैं। आरएसएस ने उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल में आरएसएस की शाखाओं की संख्या दुगना करने का लक्ष्य रखा है। संघ प्रमुख के बंगाल दौरे के दौरान कोरोना महामारी के बाद की स्थिति, समाज के साथ संपर्क और सेवा जैसे विभिन्न मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है।