कोलकाता। हाल ही में कोविड-19 के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है और क्या आपको लगता है कि पिछले दो सालों में हमने कुछ सीखा है। कोरोनावायरस को हमें हल्के में नहीं लेना चाहिए। पिछले दो सालों में फेस मास्क पहनना जीवन का ज़रूरी हिस्सा बन गया है। लेकिन ऐसे बहुत से लोग हैं जो आज भी सही मास्क के बारे में जागरुक नहीं हैं। ओमीक्रॉन एक ऐसा वेरिएन्ट है जो तेज़ी से फैलता है, इसके बढ़ने के साथ कई नए सवाल उठ खड़े हुए हैं। आइए सही मास्क के बारे में जानें जो आपको ओमीक्रॉन से सुरक्षित रखेगा। साथ ही हम आपको बताएंगे कि मास्क पहनने के दौरान किस तरह के ऐहतियात बरतने चाहिए।
कपड़े का और सर्जिकल मास्क या एन95 / एफएफपी2 मास्क- वैज्ञानिक विवरण : आइए सबसे पहले, कपड़े के मास्क, सर्जिकल मास्क और रेस्पीरेटर के बीच का अंतर समझें। कपड़े का मास्क ढीली फिटिंग का होता है, जो वातावरण के प्रदूषण से बचाता है। सर्जिकल मास्क 3-प्लाय का मास्क होता है, जिसे मेडिकल कर्मचारी, चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान पहनते हैं। वहीं एन 95 रेस्पीरेटर निजी सुरक्षा का उपकरण यानि पीपीई है जो पहनने वाले व्यक्ति को एयरबोर्न पार्टीकल्स और एरोसोल्स से सुरक्षित रखता है, इस मास्क को पहनने के बाद इस तरह के कण आपके रेस्पीरेटरी सिस्टम में प्रवेश नहीं कर पाते।
एन95/एफएफपी 2 फ्लू, इन्फेक्शन और एयर-बोर्न वायरस से बचाव में बेहद कारगर है। इसमें आमतौर पर 5 लेयर्स होती है, जो इलेक्ट्रोस्टैटिकली चार्ज्ड मेल्ट-ब्लोन फिल्टर्स से युक्त होती हैं, ये परतें 0.3 माइक्रोन तक के छोटे एयरबोर्न पार्टीकुलेट्स एरोसोल्स से सुरक्षा देती हैं। इसका अर्थ यह है कि यह ज़्यादातर बैक्टीरिया, वायरस और पार्टीकुलेट एरोसोल्स को फिल्टर कर सकता है। इस मास्क की फिट बहुत अच्छी होती है, इसमें से लीकेज की संभावना बहुत कम होती है।
हाल ही में युनाईटेड स्टेट्स आधारित अमेरिकन कॉन्फ्रैन्स ऑफ गवर्नमेंटल इंडस्ट्रियल हाइजीनिस्ट्स (एसीजीआईएच) के परिणामों में इस बात की पुष्टि हुई है कि अगर दो लोगों ने एन95 मास्क पहना है कि उन्हें कपड़े के मास्क की तुलना में इन्फेक्शन से पचपन गुना सुरक्षा मिलती है। एसीजीआईएच उद्योगों में व्यवसायिक और पर्यावरणी स्वास्थ्य और सुरक्षा पर काम करता है।
अच्छी गुणवत्ता का आधुनिक बीआईएस अनुमोदित एफएफपी2 मास्क जैसे सैवलॉन का मास्क एन95 के समकक्ष है, जिसमें स्प्लैश रेज़िस्टेन्ट बाहरी परत तथा पसीने और नमी से सुरक्षित रखने वाली भीतरी परत होती है, साथ ही इसमें एक या अधिक इलेक्ट्रोस्टैटिकली चार्ज्ड मेल्ट-ब्लोन फिल्टर लेयर्स भी होती हैं। इस फिल्टर से इन्फेक्शन वाले एरोसोल्स ट्रैप हो जाते हैं और साथ ही पहनने वाले व्यक्ति को सांस लेने में भी परेशानी महसूस नहीं होती।
उपयोग का सही तरीका: नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ऑक्युपेशनल सेफ्टी एण्ड हाज़ार्ड के अध्ययनों में पाया गया है कि सर्जिकल मास्क खांसी से आने वाले 59 फीसदी रेस्पीरेटरी एरोसोल्स को ब्लॉक करता है, वहीं तीन लेयर का कॉटन मास्क 51 फीसदी एरोसोल्स को ब्लॉक करता है, जबकि एन 95 मास्क 95 फीसदी एरोसोल्स को ब्लॉक करता है।
इन फायदों को जानने के बाद हमें रेस्पीरेटर के उपयोग के सही तरीके को समझना चाहिए। मास्क को सावधानी से पहनें, खासतौर पर जब आप घर से बाहर या भीड़ में जा रहे हैं तो सुनिश्चित करें कि आपका नाक और मुंह अच्छी तरह ढका हो और गैप बिल्कुल न रहे। अगर आपने सैवलॉन जैसे एफएफपी2 या एन-95 मास्क पहना है, तो इसकी फिल्टरेशन क्षमता अधिक होती है, क्योंकि इसमें अडवान्स्ड पांच लेयर का फिल्ट्रेशन सिस्टम और इलेक्ट्रोस्टैटिकली चार्ज्ड मेल्ट-ब्लोन फिल्टर्स होते हैं।
साथ ही मास्क पहनने और उतारने के समय हाइजीन का ध्यान रखें, इसे ज़िम्मेदारी के साथ डिस्पोज़ करें। इसके लिए पैक पर दिए गए निर्देशों को पढ़ें। हमें जानना चाहिए कि मास्क न सिर्फ फेशियल रेस्पीरेटर की तरह काम करता है बल्कि आज यह स्वस्थ जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा भी बन चुका है।
इससे पहले कि हम आगे बढ़ें- आपको बताना चाहेंगे कि कोई मास्क पहनते समय
1. सुनिश्चित करें कि मास्क पहनने और उतारने से पहले हाथों को अच्छी तरह धो लें।
2. सुनिश्चित करें कि मास्क अच्छी तरह फिट हो आपको पूरी सुरक्षा दे, साइडों पर गैप न रहें।
3. सुनिश्चित करें कि मास्क आपकी नाक और ठुड्डी पर टिका हो
4. बार-बार मास्क को न छुएं।