कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए एक जांच आयोग के गठन के बारे में उन्हें ‘‘अधूरी और चुनिंदा’’ सूचना दी गई। राज्यपाल ने राज्य के मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी को 18 दिसंबर शाम बजे तक वह पूरा रिकार्ड उपलब्ध कराने को कहा, जिससे जांच आयोग के गठन के लिए अधिसूचना जारी करने का मार्ग प्रशस्त हुआ था। धनखड़ द्वारा मुख्य सचिव को लिखा गया यह दूसरा पत्र है। राज्यपाल ने 15 दिसंबर को मुख्य सचिव को एक पत्र लिख कर इस संबंध में अपनी नराजगी जाहिर की थी।
धनखड़ ने तब मुख्य सचिव को राज्य सरकार द्वारा गठित जांच आयोग के बारे में अधिसूचना से जुड़ी जानकारी बृहस्पतिवार शाम तक उपलब्ध कराने को कहा था। 26 जुलाई 2021 की तारीख वाली अधिसूचना भेजने को छोड़कर मांगा गया कोई ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया।’’धनखड़ ने लिखा, ‘‘जो कुछ मांगा गया वह उपलब्ध रिकार्ड है और इसे संवैधानिक प्रमुख को उपलब्ध कराना है।’’
राज्यपाल ने यह भी कहा कि वह ‘‘अधूरी और चुनिंदा’’सूचना दिये जाने की सराहना नहीं करते हैं। छह दिसंबर और 15 दिसंबर को स्पष्ट रूप से संकेत दिया गया था कि इस बारे में सभी संबद्ध कार्यवाही उपलब्ध कराई जाए, जिससे अधिसूचना जारी करने का मार्ग प्रशस्त हुआ था। इस बीच, दिन में उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार की ओर से नियुक्त शीर्ष न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एम बी लोकुर की अध्यक्षता वाले आयोग द्वारा जासूसी के आरोपों की जारी जांच पर रोक लगा दी।