Bengal News : विधानसभा के पहले सत्र में ही शुरू होगी विधान परिषद गठन की तैयारी! 

Kolkata Desk : विधानसभा के पहले सत्र में ही शुरू होगी विधान परिषद गठन की तैयारी! अटकलें तेज। मुख्यमंत्री का वादा पूरा होगा। ममता बनर्जी ने 2021 विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के दिन राज्य में विधान परिषद गठन की बात कही थी। तीसरी बार तृणमूल सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की बैठक में विधान परिषद गठन का प्रस्ताव भी पारित हो गया है। सूत्रों के मुताबिक नई सरकार के पहले सत्र में ही विधान परिषद के गठन का रास्ता साफ हो सकता है।

राज्य विधानसभा का सत्र 2 जुलाई से शुरू होगा। तीसरी तृणमूल सरकार का यह पहला सत्र होगा। सूत्रों के मुताबिक सरकार इसी सत्र में विधान परिषद के गठन की तैयारी शुरू कर सकती है। विधान परिषद बनाने के लिए सबसे पहले राज्य को विधान सभा में एक विधेयक लाना होगा। उसके बाद राज्यपाल और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी।

उल्लेखनीय है कि विधान सभा के एक तिहाई सदस्य विधान परिषद में होंगे। उस गणना के अनुसार, पश्चिम बंगाल विधान परिषद में अधिकतम 98 सदस्य हो सकते हैं। हालांकि तृणमूल सरकार ने पहले भी विधान परिषद बनाने की तैयारी की थी। लेकिन उस समय यह सम्भव नहीं हो पाया था।

राज्यसभा और लोकसभा की तरह, द्विसदनीय विधायिका का ऊपरी सदन विधान परिषद है और निचला सदन विधान सभा है। 1969 में पश्चिम बंगाल से विधान परिषद को समाप्त कर दिया गया था। फलस्वरूप अब अगर सब कुछ ठीक रहा, तो विधान परिषद 52 साल बाद बंगाल में वापस आ जाएगी।

अभी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्यों में विधान परिषदें हैं। एक समय पश्चिम बंगाल में भी विधान परिषद का अस्तित्व था। हालाँकि तबकी बांग्ला कांग्रेस और वामपंथियों के संयुक्त मोर्चे की सरकार ने इसे समाप्त कर दिया था। मार्च 1969 में पश्चिम बंगाल विधान परिषद उन्मूलन अधिनियम संसद में पारित किया गया था। 1 अगस्त 1969 को राज्य से विधान परिषद की विदाई हो गई थी।

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