Kolkata Desk : राज्य सरकार अम्फान से सबक लेकर आने वाली चक्रवात यस से निपटने में कोई कमी नहीं छोड़ना नहीं चाहती है। नबान्न में कंट्रोल रूम पहले ही खोला जा चुका है। 25 और 26 मई की रात मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वंय राज्य के हालात पर निगरानी करेंगी। इसके अलावा नवान्न की ओर से सागर, काकद्वीप, गोसाबा, डायमंड हार्बर, मथुरापुर इत्यादि छेत्रों में त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRS) और आपदा प्रबंधन सेवा को तैयार रखा गया है। स्थानीय प्रशासन को 2 लाख पानी के पाउच तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। करीब 50 हजार बिजली के खंभों को तैयार रखा गया है।
साथ ही पूरे क्षेत्र की 20 सैटेलाइट फोन और 25 ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जाएगी। आशंकाग्रस्त इलाकों में तिरपाल, चावल, दाल, बेबी फूड जैसी रोजमर्रा के सामानों को पहुंचा दिया गया है। तटीय क्षेत्रों में 3 लाख लोगों के रहने के लिए 11 सेंटर और 250 स्कूलों में लोगों के ठहरने की आपात व्यवस्था की गई है। वहां के अस्पतालों में अतिरिक्त बेड और दवाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है। सभी संबंधित विभागों के सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है।
कोलकाता पुलिस ने चक्रवात यस से निपटने के लिए 20 आपदा प्रबंधन टीमों का गठन किया है। प्रत्येक टीम में 5 सदस्य होते हैं। ये डीसी कॉम्बैट के अधीन काम करेंगे। पिछले बार आई चक्रवात अम्फान से शिक्षा लेते हुए इस बार आपदा प्रबंधन टीमों की संख्या बढ़ाई गई है। अत्याधुनिक पेड़ काटने की मशीनें भी तैयार रखी जा रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक इस बार कोलकाता कारपोरेशन अत्यधिक सावधानी बरत रही है। कारण अम्फान के दौरान काफी समस्या पैदा हुई थी। इस बार सभी को पहले से ही जिम्मेदारी सौंप दी गई है। प्रत्येक कार्यालय को विशिष्ट कार्य सौंपे गए हैं। सभी अधिकारियों के बीच क्षेत्रों का विभाजन कर दिया गया है। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए शिफ्टों में काम होगा। तटरक्षक बल, नौसेना भी चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद के लिए तैयार है।