दो विवाह का योग कुंडली में कई कारणों से हो सकता है…

वाराणसी। आइए आज चर्चा करते हैं कुंडली में दो विवाह के योग की, दो विवाह का योग कुंडली में कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि…

1) सप्तम भाव में दो या अधिक ग्रहों की उपस्थिति। यदि सप्तम भाव में दो या अधिक ग्रह हों, तो यह दो विवाह का योग बना सकता है।
2) सप्तम भाव के स्वामी का दो या अधिक भावों से संबंध, यदि सप्तम भाव के स्वामी का दो या अधिक भावों से संबंध हो, तो यह दो विवाह का योग बना सकता है।
3) राहु या केतु का सप्तम भाव में प्रभाव, यदि राहु या केतु सप्तम भाव में हों या उस पर दृष्टि डाल रहे हों, तो यह दो विवाह का योग बना सकता है।

दो विवाह के योग को रोकने के लिए वैदिक ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं, जैसे कि…
1) विवाह पूर्व ज्योतिषीय सलाह; विवाह पूर्व ज्योतिषीय सलाह लेने से दो विवाह के योग को रोका जा सकता है।
2) सप्तम भाव के स्वामी की पूजा; सप्तम भाव के स्वामी की पूजा करने से दो विवाह के योग को रोका जा सकता है। कुंभ विवाह या केले से पूजा। कुंभ विवाह में जातक की शादी की जाती है सब कुछ होने पर मटके को फोड़ दिया जाता है, दरअसल ये मंगल दोष के लिए होता है।

3) राहु या केतु की पूजा; राहु या केतु की पूजा करने से दो विवाह के योग को रोका जा सकता है।
4) विवाह के समय शुभ मुहूर्त का चयन; विवाह के समय शुभ मुहूर्त का चयन करने से दो विवाह के योग को रोका जा सकता है।
5) पति-पत्नी के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए पूजा और अनुष्ठान; पति-पत्नी के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए पूजा और अनुष्ठान करने से दो विवाह के योग को रोका जा सकता है।

ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twelve + nineteen =