डीपी सिंह की कुण्डलिया

खेती के भी मायने, बदल गए श्रीमान।
पहले केवल अन्न की, खेती करे किसान।।
खेती करे किसान, किन्तु अब नेता लोभी।
करें करोड़ों आय, उगा गमले में गोभी।।
मानवता के शत्रु, ख़ून की करते खेती।
इस्लामिक कानून, नार को कहते खेती।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 × two =