PFRDA ने कोलकाता में अटल पेंशन योजना (APY) के विस्तार के लिए समीक्षा बैठक आयोजित की

कोलकाता : पीएफआरडीए ने अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के विस्तार और व्यापक कवरेज के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्वी क्षेत्र के बैंकों और राज्य स्तरीय बैंकर समितियों (एसएलबीसी) की रणनीतियों की समीक्षा करने के लिए 5 जुलाई 2024 को ताज सिटी सेंटर न्यू टाउन, कोलकाता में एपीवाई अभिनंदन सह रणनीति समीक्षा बैठक का आयोजन किया।

इसके अलावा, कार्यक्रम के दौरान वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान उपलब्धि हासिल करने वालों को एपीवाई के तहत उनके प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।

अटल पेंशन योजना के तहत कुल सकल नामांकन 30 जून 2024 तक 6.65 करोड़ को पार कर गया है, जिसमें से 1.22 करोड़ से अधिक नए ग्राहक वित्त वर्ष 2023-24 में नामांकित हुए थे (शुरुआत के बाद से किसी वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक)।

इस उपलब्धि में पूर्वी जोन के राज्यों और बैंकों का बड़ा योगदान है। पूर्वी क्षेत्र के अधिकांश एसएलबीसी ने वित्त वर्ष 2023-24 के वार्षिक लक्ष्य को हासिल कर लिया है, जिसमें बिहार ने 177% लक्ष्य हासिल किया है।

उसके बाद असम (159%) और झारखंड (158%) का स्थान है।इसी प्रकार, जोन के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, जिसमें झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक ने 264 औसत खाता प्रति शाखा (एएपीबी- एवरेज अकाउंट पर ब्रांच) हासिल किया है।

इसके बाद त्रिपुरा ग्रामीण बैंक (197 एएपीबी) और असम ग्रामीण विकास बैंक (168 एएपीबी) का स्थान रहा।31 मार्च 2024 तक पूर्वी क्षेत्र के राज्यों में एपीवाई सकल कवरेज 1.93 करोड़ नामांकन को पार कर गया है।

पीएफआरडीए के चेयरमैन डॉ. दीपक मोहंती ने मुख्य वक्तव्य में विश्व भर में पेंशन प्रणाली, बढ़ती वृद्ध जनसंख्या तथा बढ़ती आयु और सरकारी खजाने पर पड़ने वाले दबाव को ध्यान में रखते हुए वृद्धावस्था सुरक्षा की चिंताओं पर प्रकाश डाला।

उन्होंने अटल पेंशन योजना जैसी योजनाओं की जरूरतों पर जोर दिया, जो भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से अनौपचारिक और असंगठित क्षेत्र के लिए शुरू की गई कम लागत, कम योगदान वाली पेंशन योजना है और इसमें ग्राहकों के लिए कई लाभ हैं।

पीएफआरडीए ने योजना के कवरेज को बढ़ावा देने और विस्तार करने की दृष्टि से कई नई पहल की हैं, जिसमें एपीवाईआउटरीच कार्यक्रम, सब्सक्राइबर जागरूकता कार्यक्रम, बड़े पैमाने पर मीडिया अभियान जारी करना आदि शामिल हैं।

इसके अलावा, सरल और समझने योग्य भाषा में योजना के बारे में जागरूकता और पहुंच बढ़ाने के लिए, पीएफआरडीए ने हिंदी, अंग्रेजी और भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी अन्य 21 भाषाओं में एक-पृष्ठ का एपीवाईफ्लायर/हैंडआउट वाली एक पुस्तिका जारी की है। बंगाली, असमिया, उड़िया, मणिपुरी, मैथिली पूर्वी भाषाएँ हैं जो बुकलेट का हिस्सा हैं।

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