बर्फीली रात, अयोध्या के पास !!
तारकेश कुमार ओझा : अदालती फैसले के बहाने 6 दिसंबर 1992 की चर्चा छिड़ी तो
खड़गपुरिया चाय, सत्ता के रसगुल्ले और अमर सिंह …!!
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : जिस तरह मुलायम सिंह यादव हैं उसी तरह पहले अमर
चित्रकारी में चैन तलाशती कोलकाता की अनिता कुमारी
तारकेश कुमार ओझा, कोलकाता : पूत के पांव पालने में नजर आते हैं। वहीं बेटियाँ
रेलनगरी खड़गपुर की सांस्कृतिक धरा को सींच रही कीतिका झा
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : आम बोलचाल में लेबर टाउन कहे जाने वाले खड़गपुर में
अब कौन सा दांव चलेंगे खड़गपुर के “आडवाणी”, देवाशीष चौधरी !!
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : इन्हें आप खड़गपुर की राजनीति का ‘लाल कृष्ण आडवाणी’ भी
क्या गुरु ..! फिर लॉकडाउन…??
तारकेश कुमार ओझा : जो बीत गई उसकी क्या बात करें लेकिन जो बीत रही
कोरोना पर विशेष : ट्रेनें चलें तो पूरे हों कसमें-वादे …!!
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : कितने लोग होंगे जो छोटे शहर से राजधानी के बीच
कोरोना विशेष : गरीबों का लक अनलॉक कैसे होता है साहब…!!
तारकेश कुमार ओझा : कोरोना काल में दुनिया वाकई काफी बदल गई। लॉक डाउन अब
यादें : ऐसे भी कोई जाता है भला …!!
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : उस रात शहर में अच्छी बारिश हुई थी। इसलिए सुबह
बासु चटर्जी : आम आदमी की जिंदगी को संजीदगी से रूपहले पर्दे पर उतारा
कोलकाता : हिंदी सिनेमा में मार-धाड़ के दौर में मानवीय संवेदनाओं की सरल कहानियों को