सहायता का दिखावा बंद कर आम नागरिकों को राहत पहुँचाये सरकार
राज कुमार गुप्त, कोलकाता : वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से सरकारी नौकरी करने वालों को
सोनार बांग्ला 1962 के बाद से आजतक सिर्फ छलावा, नारे हैं नारों का क्या?
पश्चिम बंगाल को सही मायनों में बंगाल के किसी मुख्यमंत्री ने सोनार बांग्ला बनाया था
झूठ की आत्मकथा सच की कलम से
दरबार में बुलावा तमाम लोगों को नसीब की बात लगता होगा मुझे समझ ही नहीं
अब नहीं तो कब समझोगे
अमेरिका में जो हुआ उसको खराब बताना ही काफ़ी नहीं है सीख सको तो इक
नाम शोहरत काम नहीं अंजाम नहीं
सबसे पहले इस आलेख को किसी व्यक्ति के पक्ष विपक्ष से जोड़कर नहीं निरपेक्ष भावना
ज़िंदगी पर सबका एक सा हक़ हो
साल नया है नया ज़माना अभी तक आया नहीं है। लोग भूल गए ऐसी कहानियों
सोशल मीडिया पर सर्टिफिकेट्स का गोरखधंधा
(सोशल मीडिया पर न करें पैसों का लेनदेन) 21वीं सदी में हमारी चाल, चरित्र और
किसान होना क्या होता है
मोदी जी उनके दल के विधायक सांसद अन्य दलों के नेताओं कुछ पढ़े लिखे कुछ
किसान की ताकत किसान का हौंसला
मुझे इक महान विदेशी जानकार की कही बात याद आई है। उनका नाम भूल गया
जीवन भर साथ निभाने की बात
महिलाओं को मना किया है क्योंकि कहते हैं उनको बताई बात राज़ नहीं रहती है।