अमिताभ अमित की कलम से – पुरानी यादें राखी की…
एक मोटी राखी हुआ करती थी, बडी सी फोम वाली… उपर शुभ लाभ बैठे होते
विनय सिंह बैस की कलम से…क्या सेना मैं आज भी “काले अंग्रेज” शासन कर रहे हैं??
नई दिल्ली । अंग्रेजी हुकूमत के दौरान सेना के लिए अंग्रेजों का एक ही नियम
आदिवासी राष्ट्रपति चुन लिए, लेकिन कब रुकेंगे आदिवासियों, पिछड़ों वंचितो पर अत्याचार?
डॉ. विक्रम चौरसिया, नई दिल्ली । राष्ट्र को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति के रूप में
विनय सिंह बैस की कलम से…सच्चे मित्रों की अहमियत!!
तांबरम (चेन्नई) ट्रेनिंग सेंटर में हमारे एक ‘मित्र’ थे। नाम था—– खैर छोड़िए, शेक्सपियर कह
विनय सिंह बैस की कलम से… दिल्ली वाला बिहारी!!!
नई दिल्ली । आज दिल्ली में बारिश हुई तो लिट्टी-चोखा खाने का मन किया और
विनय सिंह बैस की कलम से… हवलदार साहब का पानी!!
नई दिल्ली । घटना आज से लगभग 20 वर्ष पहले की है। उस समय लोग
खून के रिश्तों से भी बढ़कर होते हैं दिल के सच्चे रिश्ते – डॉ. विक्रम चौरसिया
हे सागर से भी गहरे आत्मीय साथी, हमारे आपके रिश्ते है, कभी भी अकेलेपन से
विनय सिंह बैस की कलम से… कारगिल दिवस
नई दिल्ली । बुढ़ापे में अपने नाती-पोतों को कहानी सुनाया करूंगा कि कारगिल युद्ध मैंने
विनय सिंह बैस की कलम से…1984 की बात है!!!
संदर्भ : यूपी बोर्ड परीक्षा में 7.9 लाख छात्र हिंदी में अनुतीर्ण विनय सिंह बैस,
विनय सिंह बैस की कलम से… मातृपितृ दिवस
विनय सिंह बैस, नई दिल्ली । पापा रोज शाम को कहते- “मेरी पार्टी वाले लोग,