युवा-सृजन और राष्ट्रीय संस्कृति का मेला है हिंदी मेला
कोलकाता : सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा आयोजित 26वें हिंदी मेले का ऑडिशन प्रक्रिया कई चरणों
रामा श्रीनिवास ‘राज’ की कविता
सेवक हूँ निज देश का, विश्व करे #पहचान, विस्मय चकित तथ्य सभी, भारत अपनी शान।1.
सब दर्ज है ‘बाला सेक्टर’ में 90 के हिन्दू नरसंहार से शुरू कर एयर स्ट्राइक, प्रेम, और राजनीति तक
संदीप खंडेलवाल (राजस्थान) : 1990 की रात से शुरू होती है बाला सेक्टर की कहानी।
अर्जुन अज्जू तितौरिया की कविता : “मातृभूमि”
“मातृभूमि” ये भूमि मात्र भूमि नहीं, मातृभूमि है, इसका वंदन धर्म का अभिनंदन है। सनातन
दुर्गेश बाजपेयी की कविता : निशा के आते ही
निशा के आते ही दिवाकर के छिपते संग ही, वो दबे पाँव आ जाती है,
गोपाल नेवार की कविता : “मेरी माँ”
मेरी माँ ********* माँ मेरी माँ मैं तेरी लाड़ली हूँ माँ बेशक मैं तेरी छोटी
“लोटन बा” : (कहानी) :– श्रीराम पुकार शर्मा
आज अचानक अपने सर्व आदरणीय ग्रामीण पुजारी स्वर्गीय राम लोटन कैलाश नारायण पाण्डेय जी का
गोपाल नेवार की कविता : “दो बूंद विष”
“दो बूंद विष” **** मृत्यु से डरता नहीं है वह न ही डरता है किसी
ऑनलाइन की सुविधाओं से 26वां हिंदी मेला जुड़ा देश-विदेश के युवाओं से
कोलकाता 17 दिसंबर : सप्ताह व्यापी 26वां हिंदी मेला 26 दिसंबर से 1 जनवरी 2021
गोपाल नेवार की कविता : “नारी”
“नारी” ***** नारी की जीवन गाथा एक अज़ीब सी है, गुपचुप मौन रहकर बहुत कुछ