तिरंगा काव्य मंच का तेरहवां मासिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन एवं मुशायरा संपन्न
नव साहित्य त्रिवेणी” के सम्पादक आदरणीय डॉ. कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड एवं वरिष्ठ शायर डॉ.
डीपी सिंह की कुण्डलिया
कुण्डलिया ऑक्सीजन हो या दवा, हस्पताल शमशान। सबका रोना रो रहा, बेमतलब इंसान।। बेमतलब इंसान,
डीपी सिंह की कुण्डलिया
कुण्डलिया दिया दिखाना छोड़ कर, दिया वृक्ष को घाव। आज प्रकृति समझा रही, प्राण-वायु का
श्रीराम वनगमन-पथ “अंतर्राष्ट्रीय काव्य यात्रा” का उद्घाटन
राम पुकार सिंह, कोलकाता : राष्ट्रीय कवि संगम 14 जनवरी 2022 मकर संक्रांति के दिन
डीपी सिंह की कुण्डलिया
कुण्डलिया (कबीर दास जी के दोहे का भावार्थ, जो अबतक किसी ने नहीं बताया) निन्दक
राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल द्वारा ‘श्रीराम वनगमन पथ अंतर्राष्ट्रीय काव्ययात्रा’ का उद्घाटन
राम पुकार सिंह, कोलकाता : रामनवमी के परम पावन अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम
राम को केन्द्रित करके बच्चों की भव्य काव्य गोष्ठी
“राम के नाम बिना, हिंद ही अधूरा है/राम के प्रभाव से हिंद जय पूरा है।”
श्रीराम तू है, तो है ख्वाब सभी, तुझसे बढ़कर कोई ख्वाब नही : पुकार गाजीपुरी
रामनवमी के पावन मौके पर ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ हुगली जिले का भव्य कवि सम्मेलन रीमा
डीपी सिंह की कुण्डलिया
कुण्डलिया मुफ़्त बाँटती जो कभी, लगा खाट पर हाट। वो दिल्ली अब ढूँढ़ती, हस्पताल में
घनाक्षरी छन्द : डीपी सिंह
*घनाक्षरी छन्द* नेता घड़ियाली आँसू, कितना बहाये पर देखे-भाले बिना आप, साँप मत पालिए लच्छेदार