रीमा पांडेय की कविता : जय माँ गंगे
जय माँ गंगे पावन तुम हो हे माँ गंगे उठती रहती तरल तरंगें निशदिन तेरा
राजीव कुमार झा की कविता : सुबह
सुबह सारे लोग जग गये फूल खिल कर महक रहे, हरे भरे पेड़ धूप में
काव्य पटल पर हर-हर गंगे की गूंज पी कर के तेरा पानी मिट्टी सोना रूप दिखाये – पुकार गाजीपुरी
गंगा दशहरा व पितृ दिवस के अवसर पर, राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल के सेंट्रल
गंगा दशहरा और पितृ दिवस पर राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल द्वारा भव्य काव्य गोष्ठी सम्पन्न
Kolkata Desk : राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल ने अपने राष्ट्रीय कवि धर्म का निर्वहन
उत्तीर्णा धर की कविता : पत्ते
“पत्ते” प्रथम में हल्का हरे रंग का लाल लाल , जैसे हरियाली में ढल गया
(Father’s Day Special) अभिषेक पाण्डेय की कविता : पापा की बातें
पापा की बातें पापा की बातें फैली रहती हैं पूरे घर में पर इन बातों
विश्व सभ्यता को देशभक्ति का महान संदेश दिया है, महारानी लक्ष्मीबाई ने : प्रो. शर्मा
अंतरराष्ट्रीय वेब संगोष्ठी में हुआ भारत की वीरांगनाएँ : इतिहास एवं संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में
“पुकार” गाजीपुरी की कविता : रानी लक्ष्मी बाई
रानी लक्ष्मी बाई आजादी खातिर हिंद की जिसने की अगवानी थी, आजादी खातिर पैदा थी
महारानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना द्वारा काव्यांजलि
झांसी की रानी को राष्ट्रीय कवि संगम ने याद किया Kolkata Desk : राष्ट्रीय कवि
‘मेरे पिताजी की साईकिल’ पर सुरेन्द्र सिंह राजपूत और डॉ. आशा गुप्ता प्रथम विजेता
इंदौर(मप्र)। कोपलों को प्रोत्साहन,हिंदी लेखन को बढ़ावा और मातृभाषा हिंदी के सम्मान की दिशा में