आशा विनय सिंह बैस की कलम से : यादें सुगंधा की

आशा विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। सन 1999 की बात है! वायुसेना का प्रशिक्षण पूरा

डॉ. आर.बी. दास की कविता

उम्र से कोई लेना देना नहीं होता, जहां विचार मिलते हैं, वहां सच्ची दोस्ती होती

बरेली : कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह सम्पन्न

बरेली : शिवम मैमोरियल साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था ने शिवम् की जयंती के अवसर पर

डॉ. आर.बी. दास की रचना

लोग डूबते हैं तो पानी को दोष देते हैं, मंजिल न मिले तो किस्मत को

विनय सिंह बैस की रचना

खंत मतइया, कौड़ी पइया, गंग बहइया। गंगा मइया बालू दिहिन, बालू लइके भुजवा का दीन,

डॉ. आर.बी. दास की कविता : वक्त नहीं लगता

।।वक्त नहीं लगता।। डॉ. आर.बी. दास घर बनाने में वक्त लगता है, पर मिटाने में

डॉ. आर.बी. दास की कविता : राही

।।राही।। डॉ. आर.बी. दास जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे, कहीं प्यार तो कही तकरार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : गुरु-सम्मान

श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा। आज कई दिनों के बाद अचानक उनसे मेरी नजरें मिल गयीं।

डॉ. आर.बी. दास की कविता

अंधों को अंधेरे से कोई फर्क नहीं पड़ता, उगते सूरज से भी कोई फर्क नहीं

बरषा काल मेघ नभ छाए, गरजत लागत परम सुहाए

श्री राम पुकार शर्मा, हावड़ा। प्रकृति सर्वदा से ही मानव सहित समस्त चराचरों के पल-पल