कोलकता। कलकत्ता हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई 72 साल तक चली है। सुनने में अजीब बात लग रही है। एक , दो या 10 साल नहीं 72 साल। यह कलकत्ता हाईकोर्ट में एक मामले का सच है। यह भारत का सबसे पुराना मामला बताया जा रहा है। गत सप्ताह कलकत्ता हाईकोर्ट में इस मामले का निपटारा हो गया। कलकत्ता हाईकोर्ट को अतंत: इस पुराने मामले से राहत मिली है। इस मामले में पहला पक्ष बरहमपुर बैंक लिमिटेड का था। वहीं दूसरा पक्ष कई ग्राहक थे। बैंक दिवालिया हो गया था। उसी को लेकर यह मामला दायर किया गया था।
यह मामला 1951 में दायर किए गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट में चलने वाला मामला देश का सबसे पुराना मामला था। दूसरी शब्दों में कहे तो मामला इतना पुराना नहीं था कलकत्ता हाईकोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव का जन्म भी नहीं हुआ था। प्रकाश श्रीवास्तव का जन्म 1961 में हुआ था वहीं यह मामला उनके जन्म के 10 साल पहले दायर किया गया था। तब से इस मामले की सुनवाई चल रही थी।
कलकत्ता हाईकोर्ट के सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में अभी भी शेष तीन मामलों में से दो चल रहे हैं। बाकी दो दीवानी मुकदमे बंगाल के मालदा की दीवानी अदालतों में चल रहे हैं। वहीं एक मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित है। मालदा की अदालतों ने इन पुराने मुकदमों पर मार्च और नवंबर में सुनवाई हुई है। राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के अनुसार बरहमपुर मामला भारतीय अदालत में सुने जाने वाले सबसे पुराना मामला है।
कलकत्ता हाईकोर्ट के सूत्रों ने बताया कि 9 जनवरी को जस्टिस रवि कृषि कपूर के 19 सितंबर 2022 में ही इसके निस्तारण आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए थे। मामला की शुरूआत 19 नवंबर, 1948 को में हुई थी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने तत्कालीन दिवालिया बरहामपुर बैंक को बंद करने का आदेश था। वहीं परिसमापन कार्यवाही को चुनौती देने वाली एक याचिका 1 जनवरी, 1951 को दायर की गई थी और इसे पंजीकृत किया गया था।