Kolkata Hindi News, कोलकाता। हुगली। राज्य में पंचायत चुनाव संपन्न हुए छह महीने हो गए हैं। पंचायतों के संचालन के लिए राज्यभर में नई पंचायत बोर्डों का गठन किया गया है। हुगली जिला पंचायत स्तर पर विकास कार्य, राजस्व सृजन समेत कई मानदंडों पर पीछे है। राज्य सरकार के सर्वेक्षण के अनुसार, हुगली जिले की 207 पंचायतों में से 53 पंचायतें संबंधित मानदंडों में विफल रहीं।
हर साल राज्य की सभी पंचायतों के विकास कार्यों, स्वयं के राजस्व सृजन, पंचायत को आवंटित धन का व्यय, 70 प्रतिशत टेंडर कार्यों को पूरा करने जैसे कई मानदंडों पर समीक्षा की जाती है। यह आकलन एक साल के काम पर आधारित होता है। हुगली जिले की 53 पंचायतें इस आंकलन में फेल हो गई हैं।
प्रत्येक पंचायत में विशिष्ट विकासात्मक कार्य होते हैं। इसके अलावा, पंचायत को आवंटित धन का उपयोग उन विकासात्मक कार्यों में किया जाना है। पंचायतों को अपने स्वयं के राजस्व स्रोत उत्पन्न करने होंगे। जिन परियोजनाओं का टेंडर हो चुका है उनमें से 70 प्रतिशत को पूरा किया जाना है।
हुगली जिला परिषद के अध्यक्ष रंजन धारा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि जो पंचायतें राज्य सरकार के मानदंडों से पीछे हैं, उनके बारे में पंचायत प्रमुख और अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी। कहां कमी है इसका पता लगाया जाएगा।
बचे हुए कार्यों को पूरा करने के लिए कहा जाएगा। पहले से ही देख लेना जरूरी है ताकि कोई दिक्कत न हो। लोकसभा चुनाव सामने हैं। चुनाव से पहले पंचायत की गड़बड़ी से जनमत पर असर पड़ने का खतरा है।
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