15 हजार लोग, कोई शोर शराबा नहीं, स्वयंसेवकों के अनुशासन ने किया अचंभित

कोलकाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) वैसे तो कई बार राजनीतिक छिंटाकशी का शिकार होता है। हालांकि सोमवार को जब कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में अमर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर नेताजी लौह प्रणाम कार्यक्रम का आयोजन संगठन की ओर से हुआ तो यहां स्वयंसेवकों का अनुशासन देख लोग अचंभित थे। सरसंघचालक मोहन जी भागवत की उपस्थिति में हावड़ा और कोलकाता महानगर के करीब 15 हजार स्वयंसेवक पहुंचे थे। वैसी जनसभाओं में जब कुछ सौ लोगों की उपस्थिति होती हैं तो अव्यवस्थाएं शुरू हो जाती हैं। मूल कार्यक्रम चलता रहता है और लोग एक दूसरे से बात करते रहते हैं, कोई हंसता है कोई इधर-उधर घूमता है तो कोई दूसरी ओर बैठकर खाना वगैरह खाते हुए नजर आता है।

लेकिन जब संघ प्रमुख की उपस्थिति में कार्यक्रम शुरू हुआ तो 15 हजार स्वयंसेवक कदमताल करते हुए बेहद शांत और अनुशासित तरीके से मैदान में बैठे नजर आए। आज संजोग से धूप भी खिली थी और तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक था। सामान्य कपड़ों में भी गर्मी हो रही थी लेकिन स्वयं सेवकों पर इसका कोई प्रभाव नहीं दिखा। वे मंच से मिल रहे निर्देशानुसार पहले संघ की प्रार्थना किए, उसके बाद घोष हुआ और फिर कदमताल के बाद दंड प्रदर्शन और अन्य शारीरिक गतिविधियों को दर्शाया है। सारे स्वयंसेवक एक सुर और एक ताल में थे तथा किसी भी तरह की अव्यवस्था नजर नहीं आ रही थी। कोई भी स्वयंसेवक इधर उधर की बातें नहीं कर रहा था और ना ही हंसी ठिठोली नजर आई। यहां तक कि संघ प्रमुख के मंच पर होने के बावजूद सेल्फी आदि लेने के लिए भी कोई होड़ नजर नहीं आई जिसे देखकर दूसरे लोग अचंभित थे।

खास बात यह है कि कोलकाता पुलिस ने संघ प्रमुख के कार्यक्रम के लिए सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। बड़ी संख्या में कोलकाता पुलिस के स्पेशल ब्रांच के कर्मियों की नियुक्ति मैदान के अंदर थी लेकिन वह भी स्वयं सेवकों के अनुशासन को देखकर दंग थे। खास बात यह है कि पूर्ण गणवेश में बाल स्वयंसेवक लोगों के आकर्षण के केंद्र में थे। जिस तरह से बड़े लोग शारीरिक क्रिया का प्रदर्शन कर रहे थे ठीक उसी मुद्रा और उसी तालमेल के साथ छोटे-छोटे स्वयंसेवक यानी पांच साल से लेकर 10 साल तक के स्वयंसेवकों का भी प्रशिक्षण अद्भुत था।

कई पुलिस वालों ने तो बाल स्वयंसेवकों को बुलाकर समझा कि आपने जो प्रार्थना की उसका क्या मतलब होता है। खास बात यह है कि शहीद मीनार मैदान के ठीक बगल में रेड रोड पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। हालांकि पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था की वजह से ना तो ट्रैफिक जाम हुई और ना ही स्वयंसेवकों अथवा दूसरे कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों के बीच किसी तरह का कोई तकरार नजर आया।

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