कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के स्पष्ट निर्देश के बावजूद राज्य के अस्पताल मरीजों को रेफर करने से बाज नहीं आ रहे हैं। आरोप है कि 26 वर्षीय घायल युवक को लेकर उसके परिजन रात भर चार अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे लेकिन समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण युवक की मौत हो गई। मृतक के परिजनों का आरोप है कि एक के बाद एक अस्पतालों के रेफर किए जाने के कारण सही समय पर उपचार नहीं मिलने से युवक की एनआरएस अस्पताल में मौत हो गई। मृत युवक का नाम मेघनाद चंद्रा (26) बताया गया है।
वह टालीगंज का निवासी था। उसके परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों के मुताबिक कुछ दिन पहले फुटबॉल खेलते समय मेघनाद की कमर में चोट लग गई थी। इसी बीच सोमवार को वह बाइक से गिरकर फिर से घायल हो गया। इस बार पैर में चोट लगी थी। युवक दर्द से कराह रहा था। उसे बांगुर अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे एसएसकेएम भेज दिया गया। बाद में चितरंजन अस्पताल ले जाने पर कहा गया कि सर्जरी की जरूरत है। इसलिए एनआरएस अस्पताल ले जाने को कहा गया।
रात भर सफर करने के बाद परिजन युवक को लेकर एनआरएस पहुंचे। लेकिन आरोप है कि मेघनाद को लंबे समय तक अनुपचारित छोड़ दिया गया था, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। हालांकि अभी अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई बयान नहीं आया है। मृतक के एक रिश्तेदार ने बताया कि हम लोग सुबह पांच बजे एनआरएस पहुंचे। हम काफी देर तक लिफ्ट के सामने खड़े थे, जो भी आ रहा है, पर्ची देखकर कहता है कोई और आकर देखेगा।
ऐसा करते-करते 7:30 बज गया। डॉक्टर आया, थोड़ा देखा और चला गया। बिस्तर पर ले जाने के बाद डॉक्टर ने उसे छोड़ दिया और हमारी आंखों के सामने उसकी मौत हो गई। तृणमूल सांसद डॉक्टर शांतनु सेन ने कहा कि कल एक दुर्घटना हुई थी। आज सुबह एनआरएस लाया गया। एनआरएस में इलाज भी शुरू हो गया था। उसे ओटी ले जाने की तैयारी चल रही थी। घर के लोग कागजात तैयार कर रहे थे। दुर्भाग्य से उसी समय उनकी मृत्यु हो गई। कोई भी मौत बहुत दुखद होती है। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में इन घटनाओं में कमी आएगी। अगर किसी को बेवजह रेफर किया जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।