वार्षिक राशिफल 2023 : मकर राशि

मकर CAPRICORN (भो, ज, जी, खी, खू, खे, खो, ग, गि)
शुभ रंग – जामुनी व काला,
शुभ अंक – 8,
शुभ धातु – लोहा,
शुभ रत्न – नीलम,
शुभ वार – शनिवार, शनिवार का व्रत
ईष्ट – हनुमान। हनुमान चालीसा का पाठ लाभ देगा,
शुभ तारीख – 8, 17, 26,
शुभ मास – चैत्र, आषाढ़, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, फाल्गुन,
मध्यमास वैशाख व ज्येष्ठ,
अशुभ मास – श्रावण, पौष व माघ।
मित्र राशि – कुम्भ, शत्रु राशि सिंह,

स्वभाववश गर्म प्रवृत्ति की राशि। आत्मविश्वास काफी रहता है। विचारों में आवेश क्रोध रहता है। स्वयं के निर्णय कार्यप्रणाली भिन्न होती है। काफी समझदारी शुरू में रखते हैं। सहजता से किसी से विवाद, टकराहट नहीं लेते। दूसरों को अधिकतर इसी का विरोध बना रहता है। कौन-सा कार्य, निर्णय कैसे, कब करना इसका बखूबी अंदाज हमेशा रहता है। किन्हीं मामलों में दूसरे स्वार्थवश आपसे मैत्री रखते हैं। जीवन में भावना, भावुकता में धोखा, अविश्वास मिलता है। स्वयं की गलती का अहसास करते हैं। पश्चाताप कर लेते हैं। मन ही मन में परेशान भी होते हैं। दूसरों की गलती में उसे क्षमा करना मानसिकता में असंभव रह पाना है। योजनाओं में कार्यकुशलता, कर्तव्यपरायणता, समझदारी रखते हैं। एकदम से नई स्थिति, विचारों को आत्मसात नहीं करते।

आपको समझना आसान नहीं रहता। स्वयं की व्यवहार कुशलता श्रेष्ठ रखते हैं। दूसरों से उतनी अच्छाई नहीं मिलती। सभी मामलों में भागदौड़, परिश्रम काफी करना होता है। एक न एक तकलीफ बनी रहती है। पारिवारिक मामले, भावनात्मक प्रेम-प्रसंग में समझौते से कष्ट होता है। वैचारिक तनाव, घबराहट कामकाज अनुकूल होने के बाद भी बनी रहती है। स्वयं के प्रभाव-प्रतिष्ठा का ध्यान रखते हैं। परिवार के प्रति जवाबदारी अपना कर्तव्य रहता है। शांति को प्राथमिकता देते हैं जिस कारण सभी की बात सुनते हैं। सबको महत्व देते हैं स्वयं कष्ट- परिश्रम उठाते हैं। दूसरों के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। वास्तविकता सत्यता कठोरता संघर्ष को सहजता से स्वीकार करते हैं।

ये जातक मितव्‍ययी, नीतिज्ञ, विवेक बुद्धियुक्‍त, विचारशील, व्‍यावहारिक बुद्धि वाले होते हैं। इनमें विशिष्‍ट संगठन क्षमता होती है। असाधारण सहनशीलता, धैर्य और स्थिर प्रवृत्ति इन्‍हें बड़ा संगठन खड़ा करने में मदद करती है। इन लोगों को उपहास से हमेशा भय लगा रहता है। इस कारण समूह में बोल नहीं पाते। ऐसे में लोग समझते हैं कि ये लोग अंतर्मुखी हैं। इस राशि का स्‍वामी शनि है। शनि अच्‍छा होने पर ये लोग ईमानदार, सजग और विश्‍वसनीय होते हैं और शनि खराब होने पर ठीक उल्‍टा होता है। इन्‍हें एक साथी हमेशा साथ में चाहिए। तब इनका कार्य अधिक उत्‍तम होता है। इन जातकों में अहंकार, निराशावाद, अत्‍यधिक परिश्रम की कमियां होती हैं। इन्‍हें चिंतन पक्षाघात (एनालिसिस पैरालिसिस) की समस्‍या होती है।

जातकों को सजग रहकर इन समस्‍याओं से बचने की कोशिश करनी चाहिए। ये लोग अपने परिजनों से प्रेम करते हैं लेकिन उसका प्रदर्शन नहीं करते। इसलिए परिवार के लोग, यहां तक कि इनकी संतान भी ही समझती है कि उनके पिता उन पर ध्‍यान नहीं देते। एक बात है जो इनके व्‍यवहार के विपरीत होती है वह यह कि जहां समूह में एक भी बाहर का व्‍यक्ति हो तो ये लोग चुप्‍पी मार जाते हैं, लेकिन यदि परिवार के लोग या सभी निकट के परिचित लोग हो तों परिहास की हल्‍की फुल्‍की ऐसी बातें करते हैं कि सभा में उपस्थित सभी लोगों का हंसते हंसते बुरा हाल हो जाता है।

लम्‍बे और पतले मकर लग्‍न अथवा राशि के जातकों को एक बारगी देखने पर यकीन नहीं होता कि ये लोग बड़े समूह या संगठन का सफल संचालन कर रहे हैं। बचपन में इन्‍हें देखें तो लगता है पता नहीं कब बड़े होंगे और कब अपने पैरों पर खड़े होंगे। पर, किशोरावस्‍था में अचानक तेजी से बढ़ते हैं और इतना विकास करते हैं कि अचानक युवा दिखाई देने लगते हैं। यह अवस्‍था भी इतने अधिक लम्‍बे समय तक रहती है कि साथ के युवक अधेड़ दिखने लगते हैं और इन पर जैसे अवस्‍था का असर ही दिखाई नहीं देता। यह त्‍याग और बलिदान की राशि है।

वर्षभर मकर राशि पर शनि साढ़ेसति का प्रभाव रहेगा। ता. 16 जनवरी तक राशि स्वामी शनि लग्नस्थ, तदुपरान्त 17 जनवरी से वर्षान्त तक द्वितीय भाव में संचार करेगा तथा चतुर्थस्थ राहु पर नीच दृष्टि रखेगा। वृथा दौड़-धूप तथा खर्च अधिक रहेंगे। ता. 14 जनवरी से 12 फरवरी के मध्य इस राशि पर सूर्य का संचार 2 रहने से भी आय कम तथा खर्च अधिक रहेंगे। ता. 13 फरवरी से मार्च के मध्य द्वितीय भाव में ‘सूर्य-शनि’ योग होने से निकट बन्धुओं के साथ मतभेद एवं तकरार के हालात बनेंगे ता. 13 मार्च से 9 मई तक मंगल की अष्टम दृष्टि रहने से क्रोध, उत्तेजना अधिक रहेगी। ता. 10 मई से 30 जून तक मंगल की स्वोच्च दृष्टि रहने से अत्यधिक संघर्ष के बावजूद आय के साधन बनते रहेंगे। से 14 3 अक्तूवर से 16 नवंबर तक मंगल की पुनः चतुर्थ उच्च दृष्टि रहने से पुरुषार्थ में वृद्धि, निकटस्थ सम्बन्धियों से मेल-मिलाप, वाहनादि सुख-साधनों में भी वृद्धि होगी।

कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो इस वर्ष दिनमान गोचर ग्रह संरचना का प्रारूप एक पक्षीय रूप में विशेष रहेगा, नित्य के जीवनक्रम हेतु क्रियाशील रहना चाहिए इस नियामक अनुसार नीति, रीति, विवेक, व्यवहार, गुणधर्म पक्ष विशेषकर ध्यान रखें तथा अपनी मूल शक्ति से बाहर कार्ययोजना पर लक्ष्य नहीं बनावें अन्यथा ऋण प्रभार आर्थिक विषमता सहज ही बन पावे बने चले कार्य व्यवसाय का गतिक्रम ठीक-ठीक बना रहे। इसी सूत्र पर अक़गे की नीति बनायें। आंशिक सुयोग रचना का अवसर प्रारूप वर्ष मध्य भाग उपरान्त प्रतीत होता है। भावी विकास गति पथ हेतु आत्म विकास, मनोबल कायम रखते क्रियाशील रहें। मूलतया आपकी पात्रता कला, पुरुषार्थ, योग्यता, गुणधर्म, कार्यशक्ति का विकास भावी समय हेतु धीरबधीरे आगे के लिए समाधान सूचक अनुकूल ही रहेगा।

आर्थिक लाभ आमदनी, लेन-देन कुछ समस्याओ के बाद परिणाम प्रतिफल ठीक रहे। वार्षिक गोचर रचना अनुसार कुयोग की विगणना 65 प्रतिशत तथा सुयोग की संरचना 35 प्रतिशत तुल्य इसी गणना अनुसार नित्य के जीवनक्रम में फल जाने। शरीर स्वास्थ्य आरोग्य पक्ष से चिन्तन रहे आन्तरिक संताप में वृद्धि उद्योग, कार्य, व्यवसाय में अभिरुचि सामान्य मित्र-बांधव, सहयोगीगण से व्यवहार असन्तोष प्रदायक तथा परिवार पक्ष से भी चिन्तन रहे तथापि आपकी बौद्धिक शक्ति का चलन कलन सहायक ही सिद्ध प्रतीत होगा।

उपाय : 1. वर्षभर शनिवार को सरसों के तेल में अपना चेहरा देखकर बीज मन्त्र पढ़ते हुए सायंकाल शनि मन्दिर में तेल चढ़ाएँ। बीज मन्त्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
2. प्रत्येक शनिवार काले वर्ण की गाय को चारा एवं चपातियाँ खिलाना शुभ होगा।
3. ‘शनि वज्रपञ्जर कवच’ या ‘शनि स्तोत्र’ का पाठ हर शनिवार करें।

मासिक राशिफल 2023
जनवरी : शनि साढ़ेसाती के बावजूद महत्त्वपूर्ण कार्यों में विघ्नों के पश्चात् सफलता प्राप्त होगी। शुभ समाचारों का आदान-प्रदान होगा। सन्तान सम्बन्धी चिन्ता और पारिवारिक मतभेद रहेंगे। उन्नति व प्रगति के अवसर प्राप्त होंगे। परन्तु व्यवसाय में कोई गुप्त चिन्ता होगी।

फरवरी : कार्य-व्यवसाय में अड़चनों के बावजूद दैनिक कार्यों में सफलता मिलेगी। व्यर्थ की दौड़-धूप, खर्च की अधिकता होगी। क्रोध की अधिकता से कार्य बिगड़ने के योग हैं। मन अशान्त रहेगा।

मार्च : संघर्ष करने पर भी पर्याप्त धन लाभ नहीं हो पाएगा। अनावश्यक कार्यों पर खर्च अधिक रहेंगे। निकटस्थ भाई-बन्धुओं के साथ मनमुटाव एवं कलह-क्लेश रहेगा ता. 13 से मंगल की उच्च दृष्टि रहने से पराक्रम एवं पुरुषार्थ में वृद्धि तथा भूमि / वाहनादि की प्राप्ति होगी।

अप्रैल : विघ्न-बाधाओं के बावजूद धन लाभ व कार्यों में सफलता प्राप्त हो। कारोबार में व्यस्तताएँ बढ़ेंगी। व्यवसाय में कुछ परिवर्तन का विचार बने। यात्रा का प्रोग्राम बनेगा। परिवार में संघर्ष और सन्तान से व्यर्थ की चिन्ता रहेगी।

मई : व्यय भाव पर गुरु की शुभ दृष्टि रहने से शुभ कार्यों पर धन खर्च होगा। ता. 10 से मंगल की स्वोच्च सप्तम दृष्टि रहने से अत्यधिक संघर्ष के बावजूद आय के साधन बनते रहेंगे। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि तथा बिगड़े कामों में सुधार होगा।

जून : अप्रत्याशित लाभ की प्राप्ति होगी, नौकरी में तरक्की के अवसर प्राप्त हों, कम्पीटीशन में सफलता मिलेगी। किसी धार्मिक स्थल की यात्रा के योग हैं। नवीन योजनाएं बनेंगी। परिश्रम करने पर कार्य सिद्धि हो जाएगी।

जुलाई : किसी नए कार्य की योजना बनेगी। आय के साधनों में विस्तार होगा। विदेश यात्रा की योजना भी बनेगी। परन्तु ता. 17 से सूर्य की दृष्टि होने से संघर्ष अधिक रहेगा। व्यर्थ का खर्च और भागदौड़ अधिक रहेगी। पारिवारिक सम्पत्ति के लिए मतभेद उत्पन्न हों।

अगस्त : आर्थिक उलझनों के कारण मन परेशान रहे। सोची योजनाओं में विघ्न बाधाओं का सामना रहे। यात्रा में चोटादि का भय रहेगा। कठिन परिस्थितियों के बावजूद धन प्राप्ति के कुछ साधन बनते रहेंगे। परिवार में मतभेद होंगे।

सितम्बर : व्यर्थ की भागदौड़ और धन का खर्च अधिक होगा। पारिवारिक कार्यों में अधिकतर समय व्यतीत होगा। किसी विशेष कार्य के बन जाने से खुशी होगी। धर्म-कर्म में प्रवृत्ति होगी।

अक्तूबर :आध्यात्मिक कार्यों में रुचि रहेगी। घर में धार्मिक उत्सव होंगे। आकस्मिक कार्यसिद्धि से सभी आश्चर्यचकित होंगे। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। व्यवसाय- नौकरी में उन्नति के साधन बनेंगे।

नवम्बर : मासारम्भ में कुछ कार्य व्यस्तताएं एवं उत्साह में वृद्धि रहे। धन लाभ के अवसर प्राप्त होते रहेंगे। स्त्री एवं परिवार सम्बन्धी सुखों में वृद्धि होगी। अकस्मात् धन प्राप्ति के योग हैं।

दिसम्बर : धन एवं विद्या में उन्नति होगी। विलासादि कार्यों पर धन का व्यय होगा। स्त्री एवं सन्तान की ओर से प्रसन्नता प्राप्त हो। गृहस्थ जीवन में व्यर्थ का तनाव रहेगा। व्यर्थ की भागदौड़ से मन संतप्त रहेगा।

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

6 + three =