नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा

कोलकाता : नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा होती है, आइए जानते हैं इनकी पूजन विधि…

नवरात्र के आठवें दिन माता आदि शक्ति के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। शिवपुराण के अनुसार, महागौरी को आठ साल की उम्र में ही अपने पूर्व जन्म की घटनाओं का आभास हो गया था। इसलिए उन्होंने आठ साल की उम्र से ही भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू कर दी थी। इसलिए अष्टमी के दिन महागौरी का पूजन करने का विधान है। इस दिन मां की पूजा में दुर्गासप्तशती के मध्यम चरित्र का पाठ करना विशेष फलदायी होता है।

महागौरी का ध्यान मंत्र :
श्वेते वृषे समारुढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिःमहागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा। महगौरी पूजन करते समय इस मंत्र से देवी का ध्यान करना चाहिए।

ऐसा है महागौरी का सांसारिक स्वरूप :
मां महागौरी को शिवा भी कहा जाता है। इनके एक हाथ में दुर्गा शक्ति का प्रतीक त्रिशूल है तो दूसरे हाथ में भगवान शिव का प्रतीक डमरू है। अपने सांसारिक रूप में महागौरी उज्ज्वल, कोमल, श्वेतवर्णी तथा श्वेत वस्त्रधारी और चतुर्भुजा हैं। इनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में डमरू है तो तीसरा हाथ वरमुद्रा में हैं और चौथा हाथ एक गृहस्थ महिला की शक्ति को दर्शाता हुआ है। महागौरी को गायन और संगीत बहुत पसंद है। ये सफेद वृषभ यानी बैल पर सवार रहती हैं। इनके समस्त आभूषण आदि भी श्वेत हैं। महागौरी की उपासना से पूर्वसंचित पाप नष्ट हो जाते हैं।

यह है पूजा विधि :
मां शक्ति के इस स्वरूप की पूजा में नारियल, हलवा, पूड़ी और सब्जी का भोग लगाया जाता है। आज के दिन काले चने का प्रसाद विशेषरूप से बनाया जाता है।

पूजन के बाद कराएं कन्याओं को भोजन :
पूजन के बाद कुंवारी कन्याओं को भोजन कराने और उनका पूजन करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है। महागौरी माता अन्नपूर्णा स्वरूप भी हैं। इसलिए कन्याओं को भोजन कराने और उनका पूजन-सम्मान करने से धन, वैभव और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

यह है आपके लिए शुभ रंग :
महागौरी की पूजा करते समय जहां तक हो सके गुलाबी रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। महागौरी गृहस्थ आश्रम की देवी हैं और गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक है। एक परिवार को प्रेम के धागों से ही गूथकर रखा जा सकते हैं, इसलिए आज के दिन गुलाबी रंग पहनना शुभ रहता है।

महाअष्टमी के कुछ उपाय :
*अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा को लाल रंग की चुनरी में सिक्के और बताशे रख कर चढ़ाएं। ऐसा करना चाहिए जिससे मां आपकी सभी मुरादें पूरी करती हैं।

*इस दिन 9 कन्याओं को उनके मन का भोज कराने के बाद, उन्हें खेल-कूद, शिक्षा या उनकी जरूरत का कुछ भी लाल रंग का सामान जरूर भेंट करें।

*इस दिन किसी सुहागिन स्त्री को लाल रंग की साड़ी और श्रृगांर का समान भेंट करना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर परिवार में सुख-समृद्धि आएगी और साल भर घर में धन की आवक बनी रहती है।

*अष्टमी के दिन तुलसी जी के पास नौ दिये जलाएं और उनकी परिक्रमा करें। घर से सभी रोग-दोष का नाश होगा।

*इस दिन पीपल के 11 पत्तों पर घी सिंदूर से भगवान राम का नाम लिख कर माला बनाएं। ये माला हनुमान जी को पहना दें।

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