विश्व सरकार शिखर सम्मेलन, दुनियां भर के थॉट लीडर्स को एक मंच पर लाने का बहुत बड़ा माध्यम
दुनियां के जिन देशों की सरकारें पारदर्शिता को प्राथमिकता देती है, उनके नतीजे अच्छे निकलते हैं- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर आज दुनियां का हर देश वहां के नागरिकों द्वारा चुनी हुई सरकारों द्वारा चल रहा है। हालांकि इसमें कुछ अपवाद भी हो सकते हैं परंतु अधिकतम देशों में आज लोकतंत्र का पहिया मजबूत होता जा रहा है। पूरी दुनियां का सबसे पुराना लोकतंत्र अमेरिका है, तो सबसे बड़ा विशाल लोकतंत्र भारत है जो आज दुनियां का नेतृत्व करने में सक्षम है। इसलिए ही आज अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जब अपनी बात कहता है तो पूरी दुनियां ध्यान से सुनती है आज भारत की प्रतिष्ठा के मूल्य का अंदाजा हो जाता है। इसलिए ही विकसित देशों में कोई बॉस कहता है तो कोई ऑटोग्राफ लेने की बात कहता है। भारत का रुतबा है कि हम दुनियां के हर शिखर सम्मेलन में सदस्य के नाते या फिर सम्मानित अतिथि के नाते या फिर सहयोगी के नाते सम्मिलित होते हैं, जहां अति विशिष्ट महत्व प्राप्त होता है। जिसका सबसे ताजा उदाहरण दुबई में 12 से 14 फरवरी 2024 को समाप्त हुए वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में भारत के वजन का पता चलता है, जहां हमारे पीएम ने संबोधन किया। चुंकि विश्व सरकार शिखर सम्मेलन दुनियां भर के थॉट लीडर्स को एक मंच पर लाने का एक बहुत बड़ा माध्यम बना है, इसीलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे दुनियां के जिन देशों की सरकारें पारदर्शिता को प्राथमिकता देती है उनके नतीजे अच्छे निकलते हैं।
साथियों बात अगर हम वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट दुबई 2024 की करें तो, 12-14 फरवरी तक दुबई में संपन्न हुए 2024 विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में भारत, तुर्किये और कतर को सम्मानित अतिथि के रूप में नामित किया गया है। शिखर सम्मेलन का विषय भविष्य की सरकारों को आकार देना है, जिसमें दुनियां भर से 25 से अधिक सरकार और राज्य प्रमुख भाग लिए।तुर्किये, भारत और कतर के प्रतिनिधि मंडलों का नेतृत्व उनके संबंधित नेताओं द्वारा किया जाएगा : तुर्किये से राष्ट्रपति, भारत से पीएम और कतर से पीएम और विदेश मंत्री। शिखर सम्मेलन के दौरान अतिथि देश अपने सफल सरकारी अनुभवों और सर्वोत्तम विकासात्मक प्रथाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे। साथ ही 120 सरकारी प्रतिनिधि मंडलों और 4, हज़ार उपस्थित लोगों के साथ 85 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के नेताओं, विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों के विचार भी एक साथ लाएंगे।
विश्व सरकार शिखर सम्मेलन संगठन एक वैश्विक, तटस्थ, गैर-लाभकारी संगठन है। इसका उद्देश्य सरकारों के भविष्य को आकार देना है। शिखर सम्मेलन, अपनी विभिन्न गतिविधियों में, नवाचार का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मानवता के सामने आने वाली सार्वभौमिक चुनौतियों को हल करने के लिए अगली पीढ़ी की सरकारों और प्रौद्योगिकी के एजेंडे का पता लगाता है। विश्व सरकार शिखर सम्मेलन सरकारों के लिए एक वैश्विक ज्ञान विनिमय मंच है। इसकी स्थापना 2013 में संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति और प्रधान मंत्री, दुबई के शासक महामहिम के गतिशील नेतृत्व में की गई थी और यह उत्कृष्टता और समावेशिता की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। शिखर सम्मेलन ऐसे स्थान बनाते हैं जहां नेता किसी उद्योग या क्षेत्र को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों या रुझानों पर चर्चा कर सकते हैं। अधिकांश शिखर सम्मेलनों के दो लक्ष्य होते हैं : साथी विशेषज्ञों के साथ विचारों को साझा करना और उन पर बहस करना।
साथियों बात अगर हम विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में माननीय पीएम के संबोधन की करें तो उन्होंने कहा, आज विश्व को साफ और पारदर्शी सरकार की जरूरत है। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो क्लीन हो, करप्शन से दूर हो, जो ट्रांसपेरेंट हो। आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो ग्रीन हो, पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों को लेकर गंभीर हो। आज विश्व को आवश्यकता है ऐसी सरकारों की जो ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ जस्टिस, ईज ऑफ मोबिलिटी, ईज ऑफ इनोवेशन और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को अपनी प्राथमिकता बनाकर चले, गत वर्षों में लोगों का भरोसा भारत सरकार पर बढ़ा है।पीएम ने बताया कि उन्होंने हमेशा ऐसा एनवायरनमेंट क्रिएट करने पर जोर दिया जो नागरिकों में एंटरप्राइज और एनर्जी दोनों को और बढ़ाए। हम टॉप डाउन और बॉटम अप अप्रोच के साथ-साथ होल ऑफ सोसाइटी अप्रोच को लेकर भी चले हैं। हमने होलिस्टिक अप्रोच पर बल दिया, पीपल पार्टिसिपेशन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। सुशासन में हमने जनभावनाओं को जगह दी है।
हमने प्रयास किया कि कोई अभियान भले ही सरकार शुरू करे लेकिन समय के साथ देश की जनता उसकी बागडोर खुद संभाल ले। जनभागीदारी के इसी सिद्धांत पर चलते हुए हमने भारत में अनेक बड़े ट्रांसफॉर्मेशन देखें हैं। हमारी सैनिटेशन ड्राइव हो, गर्ल एजुकेशन को बढ़ाने का अभियान हो, डिजिटल लिटरेसी हो इनकी सफलता पिपल्स पार्टिसिपेशन से ही सुनिश्चित हुई है। पीएम ने कहा, मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए। मैं ये मानता हूं कि लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो ये सुनिश्चित करना भी सरकार का ही काम है। हम अक्सर कई एक्सपर्ट्स को सुनते हैं कि कोविड के बाद दुनियाभर में सरकारों पर भरोसा कम हुआ है लेकिन भारत में हमने एक दम विपरीत अनुभव देखा। कोविड के बाद दुनिया भर में सरकारों पर भरोसा कम हुआ है बीते वर्षों में भारत सरकार पर लोगों का भरोसा और मजबूत हुआ है, लोगों को हमारी सरकार के इंटेंट और कमिटमेंट दोनों पर पूरा भरोसा है। ये कैसा हुआ? क्योंकि हमने गवर्नेंस में जनभावनाओं को प्राथमिकता दी है। हम देशवासियों की जरूरत के प्रति संवेदनशील है।
हमने लोगों की जरुरतों और लोगों के सपनों को पूरा करने पर ध्यान दिया है। पीएम ने कहा इन 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा विश्वास बढ़ा। यह दुनिया भर के थॉट लीडर्स को एक मंच पर लाने का एक बड़ा माध्यम बन चुकी है। पीएम अपनी यात्रा पर संयुक्त अरब अमीरात में है। पीएम ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन बुधवार को दुबई में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं को संबोधित किया। भारत ने विश्व को एक नया मार्ग सुझाया है। एक विश्व बंधु के रूप में भारत इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। यह सम्मेलन नेताओं को एक मंच पर लाने का माध्यम विश्व सरकार शिखर सम्मेलन दुनियाभर के थॉट लीडर्स को एक मंच पर लाने का एक बड़ा माध्यम बन चुकी है। दुबई जिस प्रकार ग्लोबल इकोनॉमी कॉमर्स और टेक्नोलॉजी का एपिसेंटर बन रहा है ये बहुत बड़ी बात है। पीएम ने गर्मजोशी से भरे स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया। विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा- वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में की-नोट एड्रेस देना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है।
पीएम ने कहा, हाल के दिनों में मुझे उनसे कई बार मिलने का मौका मिला है। वो सिर्फ लीडर ऑफ विजन ही नहीं है बल्कि लीडर ऑफ रिजॉल्व और लीडर ऑफ कमिटमेंट भी है। दुबई वैश्विक अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी का बन रहा है हब। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, कोविड के दौरान एक्सपो-2020 का आयोजन हो या फिर हाल में कॉप-28 का आयोजन, ये दुबई स्टोरी के बेहतरीन उदाहरण है। इसी के साथ पीएम मोदी ने वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। पीएम ने कहा, इन सबके बीच हर सरकार के सामने अपनी प्रासंगिकता को बचाने का भी बहुत बड़ा चैलेंज भी है। इन सवालों, चुनौतियों, स्थितियों के बीच वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट का महत्व और बढ़ गया है। आज विश्व को समावेशी सरकार की जरूरत पीएम ने कहा, आज हर सरकार के सामने सवाल है किस किस अप्रोच के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो इंक्लूसिव (समावेशी) हो, जो सबको साथ लेकर चले।
आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो स्मार्ट हो, जो टेक्नोलॉजी को बड़े बदलाव का माध्यम बनाए। हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है। पीएम ने कहा, टेक्नोलॉजी हर प्रकार से चाहे वो नेगेटिव हो या पॉजिटिव एक कि डिसरप्टर साबित हो रही है। आतंकवाद आए दिन एक नए स्वरूप के साथ मानवता के सामने एक नई चुनौती लेकर सामने आ रहा है। पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियां भी समय के साथ और बड़े होते जा रहे हैं। एक तरफ डॉमेस्टिक कंसर्न्स हैं तो दूसरी तरफ इंटरनेशनल सिस्टम बिखरा हुआ नजर आता है। हर सरकार के सामने अपनी प्रासंगिकता को बचाने की चुनौती- पीएम ने कहा, इन सबके बीच हर सरकार के सामने अपनी प्रासंगिकता को बचाने का भी बहुत बड़ा चैलेंज भी है। इन सवालों, चुनौतियों, स्थितियों के बीच वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट का महत्व और बढ़ गया है। आज विश्व को समावेशी सरकार की जरूरत पीएम ने कहा, आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो इंक्लूसिव (समावेशी) हो, जो सबको साथ लेकर चले। आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो स्मार्ट हो, जो टेक्नोलॉजी को बड़े बदलाव का माध्यम बनाए।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विशेषण इसका विशेषण करेंगे तो हम पाएंगे कि वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट दुबई 2024-भारत नें विश्व को नया मार्ग सुझाया है। विश्व सरकार शिखर सम्मेलन, दुनियां भर के थॉट लीडर्स को एक मंच पर लाने का बहुत बड़ा माध्यम। दुनियां के जिन देशों की सरकारें पारदर्शिता को प्राथमिकता देती है, उनके नतीजे अच्छे निकलते हैं।
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