एक खिलाड़ी के भरोसे नहीं जीत सकते वर्ल्डकप : मुरलीधरन

  • विश्वकप जीतने के लिए पूरी टीम को करना होगा बेहतर प्रदर्शन

कोलकाता : श्रीलंका के महान फिरकी गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन कोलकाता में अपनी जीवनी पर आधारित फिल्म ‘800’ के प्रचार के दौरान कहा कि कोई भी टीम सिर्फ बल्लेबाजी अथवा गेंदबाजी के भरोसे विश्वकप नहीं जीत सकती। पहले की तुलना में अब खेल काफी बदल गया है। विश्वकप क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है, जिसमें आपको टीम की तरह खेलना होगा। आप किसी एक खिलाड़ी के भरोसे वर्ल्डकप नहीं जीत सकते।

कोई एक खिलाड़ी गेम चेंजर नहीं बन सकता। खिताब जीतने के लिए टीम के हर खिलाड़ी को बेहतर प्रदर्शन करना होगा। अच्छी बात यह है कि इस वर्ष विश्वकप भारत में हो रहा है। भारत में खेले गये हर मैच मेरे लिए खास है। यह मेरे दिल के करीब रहा। अपने करियर का अंतिम एकदिवसीय मैच मैने मुंबई के वानखेड़े में ही खेला था।

उन्होंने आगे कहा- अब पिच के हिसाब से गेंदबाजों का आकलन भी नहीं किया जा सकता क्योंकि बल्लेबाज हर तरह के विकेट पर खेलने के आदी हो चुके हैं। मुरलीधरन ने अफगानिस्तान के फिरकी गेंदबाज राशिद खान को वर्तमान समय के सर्वोत्तम गेंदबाजों में से एक बताया। उन्होंने आगे कहा कि भारत के पास भी रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल जैसे उम्दा फिरकी गेंदबाज हैं।

विश्वकप में भारत को घरेलू परिस्थितियों का मिलेगा पूरा फायदा : सौरव
वहीं, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भारत को एक बार फिर 50 ओवरों के क्रिकेट विश्वकप का प्रबल दावेदार बताते हुए कहा कि मेजबान टीम को घरेलू परिस्थितियों का पूरा फायदा मिलेगा। ‘टीम इंडिया के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि उसके सभी शीर्ष खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। आशा है कि अगले 45 दिनों तक वे ऐसे ही खेलते रहेंगे। भारत की मेजबानी में यह अब तक का सबसे अच्छा विश्वकप होगा। इस अवसर पर सौरव ने 1997 में श्रीलंका दौरे पर लगाए गए अपने शतक को भी याद किया, जो उनके करियर का पहला अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय शतक था।

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