बांग्लादेशी छात्रा पर हमले की जांच‌ कर रहा महिला आयोग

कोलकाता। आसनसोल में काजी नजरूल विश्वविद्यालय के एक बांग्लादेशी छात्रा की हत्या के प्रयास के मामले में 48 घंटे से अधिक का वक्त बीत जाने के बावजूद शुक्रवार तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस बीच पश्चिम बंगाल महिला आयोग ने आज पूरे मामले की जांच शुरू की है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. साधन चक्रवर्ती ने कहा, “आज मैंने इस मामले में आईसीसी (आंतरिक शिकायत समिति) के प्रोसीडिंग्स ऑफिसर से भी बात की। आरोपित ने अभी तक अपना बयान दर्ज नहीं कराया है।”

बांग्लादेश के उप उच्चायोग पार्षद रियाजुल इस्लाम ने पीड़िता, विश्वविद्यालय के अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेट से बात की है। रियाजुल इस्लाम ने कहा, “स्थानीय महिला थाने के ओसी ने आज शिकायतकर्ता से विस्तार से बात की है। छात्रा को पुलिस घर से सुरक्षा के साथ कार में ले गई। पुलिस विशिष्ट अदालती प्रक्रियाओं के माध्यम से आरोपितों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने की मांग कर रही है। जिलाधिकारी शुक्रवार को छात्रा से बात करेंगे। आरोप है कि विश्वविद्यालय यूनियन का एक प्रभावशाली तबका आरोपित को बचाने की कोशिश कर रहा है।

पश्चिम बंगाल महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गंगोपाध्याय ने कहा, “मैं कोलकाता से बाहर हूं। मैंने विभाग से मामले को गंभीरता से देखने को कहा है। अखिल भारतीय महिला सांस्कृतिक संगठन की सचिव कल्पना दत्ता ने कहा, ‘मैं मीडिया से यह जानकर बहुत हैरान और गुस्से में हूं कि पश्चिम बंगाल में पढ़ने के लिए बांग्लादेश से आई एक छात्रा को शिकार बनाया गया है। उसे अपनी जान का खतरा है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों और प्रशासन सहित विभिन्न स्थानों से बार-बार शिकायत के बावजूद लड़की के साथ हुई घटना वास्तव में चिंताजनक है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों और प्रशासन को उपाय करना चाहिए ताकि छात्रा शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से ठीक से अध्ययन कर सके।”

बुधवार की सुबह पीड़िता जब सुबह बाजार गई थी तो बाइक सवार दो हमलावरों ने उसे अचानक टक्कर मार दी। छात्रा गिरकर घायल हो गया। दोनों हमलावरों ने उसके मोबाइल फोन के कुछ डेटा और तस्वीरों को नष्ट कर दिया और फोन को फेंक दिया। इसके पीछे काजी नजरूल यूनिवर्सिटी के एक असिस्टेंट प्रोफेसर के नाम से शिकायत की गई है। असुरक्षित महसूस करते हुए छात्र बुधवार को सीधे पार्क सर्कस में बांग्लादेश उप दूतावास आई थी। उसके बाद दूतावास के अधिकारियों ने पहल करते हुए पुलिस-प्रशासन के संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया है।

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