विनय सिंह बैस की कलम से…लोग सहिये में बहुत एडवांस हो गए हैं!!!

नई दिल्ली । एक जबाना था, जब पहले शादी होती थी। शादी से भी पहले गोदभराई, रिंग सेरेमनी, बरीक्षा, तिलक (फलदान) और भी न जाने क्या-क्या होता था। शादी हो जाने के बाद भी नसीब वालों के घर ही दुल्हन तुरंत आती थी। नहीं तो एक या तीन साल के बाद गौना होने पर ही पति-पत्नी का मिलन हो पाता था।

अब देखिए, जमाना कितना स्मार्ट और 5जी हो गया है। कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता। शादी के पहले ही लोग टेस्ट ड्राइव कर लेते हैं, तब गाड़ी खरीदते हैं। यूरोपीय देशों में तो “पहले प्रयोग करें, फिर विश्वास करें” का सिद्धांत दशकों से लागू है। लेकिन अब भारतीय भी उनको इस मामले में कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

भारत मे इस विधा की आधिकारिक शुरुआत नीना गुप्ता ने विवियन रिचर्ड्स को बोल्ड करके की थी। उनके नाम इस क्षेत्र में कई कीर्तिमान हैं, जो अब तक नहीं टूटे हैं। उन्हें इस क्षेत्र का दादा साहब फाल्के कहा जा सकता है। श्रीदेवी, महिमा चौधरी, अमृता राव, नेहा धूपिया, सेलिना जेटली जैसी सिने तारिकाएं उनके बताए रास्ते पर चली तथा फ़िल्म रिलीज होने से पहले स्पेशल स्क्रीनिंग कर के फ़िल्म का रेस्पॉन्स चेक किया।

क्रिकेटर और सिंगर भी भला पीछे क्यों रहते??? इसलिए हार्दिक पांड्या ने वास्तविक मैच खेलने से पहले नेट प्रैक्टिस कर ली थी। गायिका नेहा कक्कड़ ने रोहनप्रीत के साथ डुएट गाने से पहले प्लेबैक का बखूबी रियाज़ कर लिया था।

अभी बिल्कुल ताज़ा मामला “बाल बुद्धि” वाली आलिया भट्ट का है। लोग उनकी “बाल बुद्धि” के बारे में वर्षों से चुट्कुले बनाते और सुनाते रहे हैं। लेकिन आधुनिक बाप की अति आधुनिक बेटी ने दुनिया विशेषकर भारतीय समाज की रीत ही बदल डाली।
“आम” लोग पहले शादी करते हैं फिर प्रेगनेंट होते हैं पर “खास” आलिया ने इसका उल्टा करके सबकी बोलती बंद कर दी।

Vinay Singh
विनय सिंह बैस

(विनय सिंह बैस)
आम आदमी

(नोट : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी व व्यक्तिगत है। इस आलेख में दी गई सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई है।)

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