पारो शैवलिनी, चित्तरंजन। चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना के महाप्रबंधक कार्यालय के सामने सीटू समर्थित चिरेका लेवर यूनियन की तरफ से 24 घंटा व्यापी धरना प्रदर्शन किया गया। मौके पर सीटू के दिग्गज नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना को किसी भी कीमत पर निजीकरण किये जाने की सरकारी मंशा को पूरा नहीं होने देने की चुनौती दी। सीटू नेताओं ने अपने-अपने वक्तव्यों में देश की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार को जन विरोधी सरकार की संज्ञा देते हुए कहा कि चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना अस्तित्व में आने के बाद से ही पुरी दक्षता के साथ अपना हर दायित्व को पूरा किया है।
चिरेका के दक्ष कर्मचारियों ने यहाँ 6000 हार्स पावर 3 फेज आईजीबीटी तकनीक का सबसे तेज चलने वाले इंजन से लेकर 9000 हजार हार्स पावर के इंजन तथा 1200 हजार हार्स पावर का इंजन निर्माण करने के बाद भी अब इन इंजनों के उत्पादन का काम चिरेका से छिनकर गुजरात के दाहोद को तथा मधेपुरा व बनारस लोकोमोटिव को दिया जा रहा है जो न्यायसंगत नहीं है। सीटू नेताओं ने यहां के रेल कर्मियों से कहा कि अगर आपलोग डटकर खड़े रहेंगे और किसी भी गैर-सरकारी संस्थान को यहां घुसने ही नहीं देंगे तो किसकी हिम्मत होगी आपके चिरेका को खरीदने की।
सीटू के दिग्गज नेताओं में आसनसोल के सांसद सह राज्य कमिटी के सदस्य बंशगोपाल चौधरी के साथ कामरेड तपन सेन,कामरेड विनय कृष्ण चौधरी,कामरेड सतगुरु घोष, कामरेड निर्मल मुखर्जी,अशोक बनर्जी आदि ने संबोधित किया। वहीं चिरेका लेवर यूनियन के सचिव राजीव गुप्ता ने मांग पत्र को सभा के समक्ष रखते हुए चिरेका में शून्य पदों पर प्रशिक्षण प्राप्त एक्ट अप्रेंटिसों को बहाल के साथ-साथ रेलवे में जारी की गई नयी पेंशन को रद्द कर पुराने पेंशन को अविलंब चालू करने की मांग की।
राजीव गुप्ता ने कहा कि रेल शहर के क्वाटरों, विद्युत, इंजीनियरिंग तथा अस्पताल आदि परिसेवा विभागों को बेसरकारी संस्थानों के हाथों बेचना बंद करो। तदुपरान्त, सभा में उपस्थित सीटू के दिग्गज नेताओं के साथ लेवर यूनियन के कुछ प्रतिनिधि चिरेका महाप्रबंधक सतीश कुमार कश्यप के माध्यम से लगभग 6000 रेलकर्मियों का हस्ताक्षरयुक्त वाला एक मांग पत्र जो देश के प्रधानमंत्री तथा रेलमंत्री के नाम है, सौंपा।