कोरोना योद्धा का दर्जा क्यों मांग रहे स्टेशन मास्टर्स???

तारकेश ओझा, खड़गपुर : कोरोना काल में कर्तव्य पालन की पेचीदिगियां दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। देश को एक सूत्र में जोड़ने वाले रेल महकमे के स्टेशन मास्टरों ने भी अब खुद को अग्रिम पंक्ति का कर्मचारी और कोरोना योद्धा का दर्जा प्रदान करने की मांग की है। आल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के महासचिव सुनील कुमार ने इस बाबत रेल मंत्रालय समेत महकमे के शीर्ष अधिकारियों को पत्र लिखा है।

जिसके मुताबिक कोविड 19 से अब तक 105 स्टेशन मास्टर अपनी जान गंवा चुके हैं एवं बड़ी संख्या में सहकर्मी संक्रमित भी हैं लेकिन स्टाफ की कमी के चलते उन्हें क्वारंटीन करना भी मुश्किल हो रहा है। दक्षिण पूर्व रेलवे स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के महासचिव दिलीप कुमार कहते हैं कि कोरोना काल में दूसरे वर्ग के लिये वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था है लेकिन हमें फील्ड पर पहुंच कर ही काम करना पड़ता है।

पब्लिक डीलिंग से संक्रमण का खतरा भी हमें अधिक रहता है। इसलिए मांग है कि कोरोना वॉरियर का दर्जा देते हुए हमें भी 50 लाख के बीमे के दायरे में रखा जाए। यही नहीं हमें वैक्सीन के मामले में भी प्राथमिकता मिलनी चाहिए। तभी हम पूरी निष्ठा व कुशलता से कर्तव्य पालन कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि कार्य बोझ कम करने और जटिलताओं से बचने के लिए जरूरी है कि खाली दौड़ रही ट्रेनों की संख्या कम की जाए। लेकिन खेद का विषय है कि प्रशासन अब तक हमारी मांगों के प्रति उदासीन रवैया अपनाए हुए है। उम्मीद है जल्द ही सूरत बदलेगी अन्यथा हमें अन्य विकल्पों पर गौर करना पड़ेगा।

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