ल्यूकोरिया की बीमारी क्यों और कैसे होती है महिलाओं में?

कोलकाता। महिलाओं को व्हाइट डिसचार्ज या सफेद पानी होना बहुत आम है। यह उनके प्राइवेट पार्ट से हानिकारक बैक्टीरिया को साफ करने का एक प्राकृतिक तरीका है। योनि से सफेद पानी आमतौर पर महिलाओं को पीरियड्स से 2-3 दिन पहले और बाद में देखने को मिलता है। यह सफेद रंग का चिपचिपा गाढ़ा तरल पदार्थ होता है, जो प्राइवेट पार्ट की सफाई करता है। लेकिन अक्सर यह देखने को मिलता है कि कुछ महिलाओं को बार-बार और बहुत अधिक मात्रा में प्राइवेट पार्ट से सफेद पानी निकलने की समस्या परेशान करती है।

इस स्थिति को मेडिकल भाषा में ल्यूकोरिया या लिकोरिया कहते हैं, जिसमें महिलाओं के प्राइवेट पार्ट से सामान्य से अधिक सफेद पानी निकलता है। यह समस्या किसी भी उम्र की महिलाओं में देखने को मिल सकती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि महिलाओं में यह समस्या आखिर क्यों होती है या किन कारणों होती है? लिकोरिया की बीमारी क्यों होती है। इस बारे में डॉक्टरों के क्या है विचार, आइए जानते हैं।

ल्यूकोरिया की बीमारी क्यों होती है : डॉक्टरों के अनुसार महिलाओं के प्राइवेट पार्ट से होने वाला यह डिस्चार्ज स्वाभाविक रूप से अम्लीय होता है, जो संक्रमण को रोकने और योनि को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है। हालांकि, कई बार योनि का प्राकृतिक संतुलन कुछ कारणों की वजह से बाधित हो जाता है, जिससे यह डिस्चार्ज की स्थिरता, रंग और गंध में बदलाव देखने को मिल सकता है साथ ही इसकी मात्रा भी अधिक हो सकती है। यह कुछ मामलों में किसी अंतर्निहित संक्रमण या बीमारी का संकेत भी हो सकता है। मेंस्ट्रुअल चक्र के बीच में द्रव का स्राव होना सामान्य है क्योंकि यह ओव्यूलेशन का सूचक है।

सफेद पानी की अधिकता या लिकोरिया के लिए कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे...
  • डूश, टैम्पोन या फेमिनिन हाइजीन स्प्रे का प्रयोग।
  • कुछ दवाओं जैसे कि एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड का अधिक सेवन।
  • बैक्टीरियल इन्फेक्शन जैसे – वेजिनोसिस, वजाइनल कैंडिडिआसिस।
  • यौन संचारित संक्रमण जैसे गोनोरिया, क्लैमाइडिया, ट्राइकोमोनिएसिस, एचपीवी, डायबिटीज और एचआईवी पॉजिटिव होना।
  • चिंता, तनाव और अवसाद जैसी मानसिक स्थितियां।
  • प्राइवेट पार्ट की स्वच्छता का ध्यान ठीक से न रखना।
  • शरीर के पीएच स्तर में बदलाव, शरीर में खून की कमी।
  • यौन संबंध बनाते समय गलतियां।
  • बहुत अधिक फास्टिंग।
  • अनहेल्दी फूड्स का अधिक सेवन।
  • गर्भपात, यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण।
  • कमजोर इम्यूनिटी, यीस्ट इन्फेक्शन।

डॉक्टरों की मानें तो अगर सफेद पानी की समस्या किसी मेडिकल कंडीशन के कारण है तो डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट कराने का सुझाव दे सकता है, जिससे कि इसके कारणों का पता लगाया जा सके। उसके बाद डॉक्टर आपकी स्थिति के अनसुार उपचार का सुझाव दे सकता है। आमतौर पर डॉक्टर लिकोरिया के इलाज के लिए मेट्रोनिडाजोल, टिनिडाजोल, क्लोट्रिमेज़ोल, फेंटिकोनाजोले, क्लिंडामाइसिन जैसी दवाएं देते हैं। अगर समस्या किसी मेडिकल कंडीशन के कारण नहीं है तो कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन इस दौरान प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 × 2 =