वाराणसी। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिवर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि का त्योहार शनिवार, 18 फरवरी को रात 8 बजकर 03 मिनट पर प्रारंभ होगा और इसका समापन रविवार, 19 फरवरी को शाम 04 बजकर 19 मिनट पर होगा। चूंकि महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है, इसलिए यह त्योहार 18 फरवरी को ही मनाना उचित होगा। इस वर्ष यह पर्व 18 फरवरी 2023, शनिवार को मनाया जाएगा। कहते हैं महाशिवरात्रि के दिन चाहे कोई भी समय हो भगवान शिव जी की आराधना करना चाहिए।
आइए जानते हैं महाशिवरात्रि पर कैसे करें शिव जी का पूजन, पढ़ें 25 खास बातें-
1. गरुड़ पुराण के अनुसार शिवरात्रि से एक दिन पूर्व त्रयोदशी तिथि में शिव जी का पूजन करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
2. इसके उपरांत चतुर्दशी तिथि को निराहार रहना चाहिए।
3. महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर प्रतिदिन के कर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
4. इसके बाद जिस जगह पूजा करते हैं, वहां साफ कर लें। अगर मंदिर में पूजन कर रहे हैं तो उसे भी पहले धोकर साफ-स्वच्छ कर लें।
5. अब एक चांदी के पात्र में जल भर कर भगवान शिव जी की प्रतिमा या शिवलिंग पर जलाभिषेक करके स्नान कराएं।
6. तत्पश्चात सफेद चंदन अथवा गोपी चंदन को शिवलिंग या प्रतिमा पर लगाकर काले तिल चढ़ाने के बाद शुद्ध, स्वच्छ और साबुत सफेद आंकड़े के पुष्प एवं बिल्वपत्र चढ़ाएं।
7. शिव जी को सफेद आंकड़े के पुष्प अर्पण करते समय किसी भी शिव स्तुति का पाठ करते रहें।
8. फाल्गुल मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का व्रत के दिन भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। अत: माता पार्वती का पूजन अवश्य करें।
9. मान्यतानुसार इस दिन रुद्राभिषेक करने से भक्त की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
10. महाशिवरात्रि के दिन 108 सफेद आंकड़े के पुष्प लेकर प्रत्येक पुष्प चढ़ाते समय शिव का ‘महामृत्युंजय’ मंत्र का जप करें।
11. महामृत्युंजय मंत्र- •ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्। ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
12. शिवरात्रि पर रात्रि जागरण का बहुत महत्व है अत: पूरी रात शिव जी की स्तुति करते हुए बिताएं। ना ही खुद सोए और अपने परिवारजनों तथा दोस्तों को भी सोने ना दें।
13. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भांग, धतूरा, दूध, चंदन, भस्म, जायफल, फल, मिठाई, मीठा पान, इत्र जैसी कई चीजों को अर्पित करते हैं।
14. महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर चांदी के कलश से दूध व गंगा जल चढ़ाएं।
15. कोई भी सफेद पुष्प से 108 बार किसी भी शिव मंत्र का जप अवश्य करें।
16. शिवरात्रि के दिन प्रदोष काल में स्फटिक शिवलिंग को शुद्ध गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान करवाकर धूप-दीप जलाएं तथा मंत्र जाप करें, इससे समस्त बाधाओं का नाश होता है।
17. महाशिवरात्रि के दिन सायंकाल में भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराकर •’ॐ नमः शिवायः’ मंत्र से पूजा करनी चाहिए।
18. अब शिवलिंग को पंचामृत से स्नानादि कराकर उन पर भस्म से 3 आड़ी लकीरों वाला तिलक लगाएं।
19. इस दिन महानिशिथकाल में महामृत्युंजय का जाप करें ताकि रोग-शोक से मुक्ति मिलें।
20. महाशिवरात्रि पर पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ किया गया उपाय, मंत्र जाप और पूजन अवश्य सफल होता है और भोलेनाथ प्रसन्न होकर अपने प्रिय भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
21. शिव-पार्वती विवाह के पर्व पर रात्रि जागरण करते हुए शिव जी के भजन, चालीसा, अष्टक, मंत्र, श्लोक, स्तोत्र, आरती, वंदना जो भी कर सके वो रात में 12 बजे तक जरूर करें।
22.महाशिवरात्रि की रात चारों प्रहरों में भगवान शिव का पूजा-अर्चन अवश्य ही करें।
23. शिव जी को चंदन का तिलक लगाकर, फिर खीर का भोग लगाएं।
24. रात के समय प्रसाद रूपी खीर का प्रसाद दूसरों को बांटें।
25. अगले दिन प्रातःकाल ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना चाहिए।
ज्योतिर्विद् वास्तु दैवग्य
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848