वाराणसी। यदि जातक की जन्म कुंडली में किसी भी राशि में सूर्य और चंद्र की युति होती है, तब अमावस्या दोष बनता है। अमावस्या दोष का प्रभाव अत्यंत ही प्रबल होता है। जन्मकुंडली में यह दोष के होने के अशुभ फल मिलते हैं। अमावस्या योग कुण्डली में होने से कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जानें अमावस्या दोष के उपाय : ज्योतिष शास्त्र में सूर्य चंद्र अमावस्या दोष का निम्न निवारण बताया गया है।
अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों के लिए तर्पण करें।
परिवार के बड़ों का, ख़ास तौर पर अपने माता-पिता का कभी अनादर न करें।
अमावस्या के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें। चावल, गुड़ और दूध का दान करने से विशेष फल मिलता है।
अमावस्या दोष के प्रभाव को कम करने के लिए देवी काली की पूजा करें।
भगवान शिव की पूजा करें और सोमवार को ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
अमावस्या के दिन शाकाहारी भोजन ही ग्रहण करें।
मदिरा आदि से परहेज़ करें।
ज्योतिर्विद् वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993871848
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