#West Bengal: TMC में अब ‘एक व्यक्ति एक पद’ नियम लागू, ममता ने जिलों को छोटी इकाइयों में बांटा

Kolkata Desk : TMC पार्टी में अब ‘एक व्यक्ति एक पद’ का नियम लागू किया गया है। ममता बनर्जी ने जिलों को छोटी इकाइयों में बांटा। इस पर बंगाल के भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि यह एक प्रकार का कुलीनतंत्र है, लेकिन एक कुलीनतंत्र को भी सहमति की जरूरत होती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि TMC एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह है, जिसे एक महिला द्वारा स्थापित किया गया था।

TMC की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने अपने कई राज्य मंत्रियों को जिला अध्यक्ष के पद से हटा दिया है। उन्होने पश्चिम बंगाल के कुछ बड़े जिलों को छोटी संगठनात्मक इकाइयों में बांट कर ‘एक व्यक्ति एक पद’ की नीति पेश की। नदिया के जिलाध्यक्ष पद से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, पूर्व मिदनापुर जिले के अध्यक्ष पद से सिंचाई मंत्री सौमेन महापात्रा, उत्तर 24 परगना के अध्यक्ष पद से वन मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक, हावड़ा के प्रभारी पद से सहकारिता मंत्री अरूप रॉय और हावड़ा ग्रामीण के अध्यक्ष पद से पीएचई मंत्री पुलक रॉय को हटा दिया गया है।

TMC के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि नगर निकाय चुनाव और 2023 में पंचायत चुनाव के साथ ही 2024 में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने कुछ बदलाव किए हैं। उल्लेखनीय है कि इस बदलाव को लेकर इसी साल जुलाई में टीएमसी के राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी ने कोलकाता में एक बैठक भी की थी। कालीघाट में ममता के आवास पर दोनों की लंबी बैठक हुई थी। इस बैठक में ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी मौजूद थे।

इकाइयों में विभाजित हुए जिलों में नए बदलाव के मुताबिक कोलकाता समेत बड़े प्रशासनिक जिलों को कई संगठनात्मक इकाइयों में विभाजित किया गया है। इनमें से हर इकाई के अध्यक्ष के साथ नई समितियां बनाई गई है। टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि भले ही पार्टी ने कुछ जिलों में 292 विधानसभा सीटों में से 213 जीती हों लेकिन प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था। उन्होंने कहा कि नए सेटअप की योजना सुचारू संचालन पर ध्यान केंद्रित करने और स्थानीय नेताओं के बीच अंदरूनी कलह को रोकने के लिए बनाई गई है। उन्होने कहा कि इससे जमीनी स्तर पर पार्टी की छवि प्रभावित हुई है।

पश्चिम बंगाल में 23 प्रशासनिक जिले हैं। टीएमसी ने उन्हें 35 संगठनात्मक इकाइयों में विभक्त किया है। मुर्शिदाबाद और नदिया जैसे जिलों को दो भागों में विभाजित किया गया है। जबकि उत्तर 24 परगना को चार क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। भले ही टीएमसी ने लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी हो लेकिन ममता बनर्जी को नंदीग्राम में सुवेंदु अधिकारी से हारना पड़ा। नंदीग्राम जिले को दो भागों तमलुक और कोंटाई में विभाजित किया गया है। नंदीग्राम अब तमलुक में आता है।

एक टीएमसी नेता ने कहा कि एक मंत्री या एक सांसद के लिए पूरे जिले की देखभाल करना संभव नहीं था। भले ही वे वहां मार्गदर्शन करने के लिए मौजूद रहें लेकिन पार्टी युवा नेताओं और स्थानीय नेताओं को ज्यादा महत्व देना चाहती है। प्रशांत किशोर की सलाह के बाद इस तरह का कदम उठाया गया है।

टीएमसी के इस नए बदलाव पर बीजेपी ने तंज कसा है। बीजेपी ने कहा कि ‘एक व्यक्ति एक पद’ की नीति खुद ममता बनर्जी के लिए लागू नहीं होती है। वह खुद पार्टी की अध्यक्ष, TMC संसदीय दल की अध्यक्ष और कई विभागों को संभाल रही हैं। उनके पास गृह और पहाड़ी, सूचना और सांस्कृतिक और भूमि और भूमि सुधार सहित कई विभाग हैं, इसके साथ राज्य की मुख्यमंत्री भी हैं।

वहीं बंगाल में भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि, यह एक प्रकार का कुलीनतंत्र है, लेकिन एक कुलीनतंत्र को भी सहमति की जरूरत होती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि TMC एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह है, जिसे एक महिला द्वारा स्थापित किया गया था और वही इससे जुड़े सभी फैसले लेती हैं। उन्होंने कहा कि एक ही महिला पार्टी की मालिक है उसकी इच्छा से ही पार्टी चलती है। इसलिए ‘एक व्यक्ति, एक पद’ जैसे बदलावों के बारे में बात करना समय की बर्बादी है।

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