भाषाई समरसता की भी भूमि है पश्चिम बंगाल

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : पश्चिम बंगाल सर्वधर्म समभाव की भूमि तो है ही , इसकी ख्याति भाषाई समरसता के लिए भी है। प्रदेश के सिर पर उपलब्धि का यह मुकुट जन सहयोग के चलते है। खड़गपुर के न्यू सेटलमेंट स्थित आंध्रा हाई स्कूल में आयोजित धन्यवाद व अभिनंदन सभा में यह बात वक्ताओं ने कही । आंध्रा यंग मैन एसोसिएशन की ओर से आयोजित इस सभा में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य की महिला व शिशु कल्याण मंत्री डॉ . शशि पांजा उपस्थित थी। विधायक प्रदीप सरकार के साथ ही डॉ . पांजा को एसोसिएशन की ओर से सम्मानित किया गया। इस दौरान डॉ. पांजा के तेलुगू में आभार व्यक्त करने से सभागार में उपस्थित जनसमूह भाव – विभोर हो उठा।

समूचे आयोजन में आंध्रा यंग मैन एसोसिएशन अध्यक्ष एस . सूर्य प्रकाश राव, महासचिव वी. सहीरी राव, ए . पूजा नायडू , एम. शिव शंकर राव, वेंकट रमन्ना, अंजना साखरे, सरिता झा, जगदंबा गुप्ता तथा शेख हनीफ आदि की सक्रिय सहभागिता रही। बता दें कि विगत ८ फरवरी को पश्चिम बंगाल विधानसभा ने तेलुगू को राज्य की आधिकारिक भाषा संबंधी मान्यता के प्रस्ताव को अनुमोदन दिया । शहर के तेलुगू भाषी अरसे से इसकी मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के संग्यान में मांग लाए जाने पर सफलता की पृष्ठभूमि तैयार हुई । खड़गपुर समेत पश्चिम बंगाल के सांतरागाछी , टीटागढ़ व अन्य शहरों में तेलुगू भाषियों की खासी संख्या है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *