West Bengal: आयोग का अभिनव फैसला, मृत्यु के बाद भी अमर रहेगा सुमन का संगीत प्रेम

कोलकाता : कोलकाता स्थित क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन ने एक अनोखा फैसला सुनाया है जिससे मृत्यु के बाद भी एक संगीत प्रेमी का संगीत प्रेम अमर रहेगा। दरअसल पिछले साल के मध्य में कोलकाता के एक संगीत प्रेमी की चिकित्सा में लापरवाही के कारण मौत हो गई थी। दोषी नर्सिंग होम को गरीब मेधावी संगीत के छात्रों को छात्रवृत्ति के पैसे प्रदान करके लापरवाही के लिए मुआवजा देना होगा।जानकारी के मुताबिक कोलकाता के गोल्फग्रीन के एक संगीत प्रेमी सुमन मजूमदार जो मुख्यता सितार व रवींद्र संगीत वादक थे, की पिछले साल के मध्य में बीमारी केेेे कारण अस्पताल में मौत हो गई थी। सुमन मधुमेह और मानसिक बीमारी से पीड़ित थे तथा उनके रिश्तेदार बाहर रहते हैं। उनकी देखभाल सायकबरन चक्रवर्ती नामक शख्स ने की थी। 2019 के अंत में सुमन को सिजोफ्रेनिया का पता चला था। स्थिति बिगड़ने पर सुमन को कोलकाता के जादवपुर सेंट्रल रोड पर स्थित बाउल मन नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया।

चिकित्सा में हुई थी लापरवाही : लॉकडाउन में स्थिति और बिगड़ गई। कथित तौर पर लंबे समय तक इंसुलिन न मिलने से सुमन का ब्लड शुगर लेवल एक बार में 1400 तक पहुंच गया था। इसके तुरंत बाद उनकी मृत्यु हो गई। सायकबरन ने क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन में चिकित्सा उपचार में लापरवाही का मामला दर्ज किया। कई सुनवाई के बाद शुक्रवार को आयोग के अध्यक्ष, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति असीम कुमार बंद्योपाध्याय ने नर्सिंग होम के अधिकारियों को 10.5 लाख का जुर्माना लगाया।

10.50 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश : दोषी बाउल मन नर्सिंग होम को रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलपति को 10.50 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा। उस पैसे के ब्याज से हर साल एक गरीब मेधावी संगीत छात्र को छात्रवृत्ति मिलेगी।सुमन मजूमदार के रिश्तेदार देश के बाहर रहते हैं और उन्होंने उनकी कोई देखभाल नहीं की थी।उनकी देखभाल करने वाले सैकबरन चक्रवर्ती को मुआवजे की राशि से 50 हजार रुपये मिलेगा। आयोग के इस अभिनव फैसले से एक संगीत प्रेमी का संगीत प्रेम मृत्यु के बाद भी अमर रह गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 + seventeen =