Kolkata Desk : राज्य में चिटफंड कंपनियों के ठिकानों पर CBI की छापेमारी की जा रही है, दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। बुधवार को CBI ने उत्तर 24 परगना के नैहाटी और कोलकाता के बालीगंज इलाके के फोर्न रोड में चिटफंड कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की है। CBI द्वारा कंपनियों के दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद CBI ने फिर से पश्चिम बंगाल में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। बुधवार को सीबीआई ने उत्तर 24 परगना के नैहाटी और कोलकाता के बालीगंज इलाके के फोर्न रोड में चिटफंड कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की है। सीबीआई की भ्रष्टाचार दमन शाखा की ओर से यह छापेमारी की जा रही है।
सीबीआई ने चिटफंड कंपनी के निदेशक के घर और दफ्तर की तलाशी ली। बालीगंज और नैहाटी में ‘मंत्र सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ चिट फंड कंपनी के निदेशक सम्राट भट्टाचार्य पर जनता के करोड़ों रुपये गबन करने का आरोप है। भट्टाचार्य दंपति इस चिटफंड व्यवसाय को आयुर्वेद व्यवसाय के साथ-साथ चलाते थे।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में चिटफंड के नाम पर करोड़ों रुपए की जालसाजी हुई थी और विधानसभा चुनाव के दौरान चिटफंड घोटाला एक बड़ा मुद्दा बना था। चिटफंड कंपनियों द्वारा किये गए घोटालों की जांच सीबीआई के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भी की जा रही है।
बंगाल में आज से 40 साल पहले 1980 में ‘संचयिता इन्वेस्टमेंट कम्पनी’ द्वारा चिटफंड घोटाला हुआ था और यह देश का पहला और उस समय का सबसे बड़ा घोटाला था। इसमें 1.31 लाख से ज्यादा निवेशकों को चूना लगा था। पिछले एक दशक में बंगाल में चर्चित चिटफंड घोटालों में सारधा, रोज वैली, पैलान, आइकोर, एमपीएस आदि प्रमुख रहे हैं।
इनमें सारधा तथा रोज वैली चिटफंड घोटाले सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे हैं। इन दोनों चिटफंड कंपनियों ने निवेशकों को अरबों रुपये की चपत लगाई है। गत 10 वर्षों में बंगाल में सौ से ज्यादा चिटफंड कंपनियों ने निवेशकों के एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि लूट ली है। इनमें सारधा व रोज वैली ने ही लगभग आधा 50 हजार करोड़ रुपये की राशि हजम कर ली है।
इसके अलावा ढाई हजार करोड़ रुपए के MPS चिटफंड घोटाले में समूह के चेयरमैन प्रमथनाथ मन्ना की गिरफ्तारी हुई थी। चिटफंड घोटाले में पैलान समूह के प्रमोटर अपूर्व कुमार साहा की गिरफ्तारी हुई थी। करीब 30 हजार करोड़ रुपए के सबसे बड़े चिटफंड घोटाले सारधा घोटाले में गिरफ्तार समूह के मुखिया सुदीप्त सेन जेल में बंद हैं, उनकी सहयोगी देवयानी मुखर्जी को अभी कुछ दिनों पहले ही जमानत मिली है।
18 हजार करोड़ रुपए से अधिक के दूसरे सबसे बड़े घोटाले रोज वैली चिटफंड घोटाले में समूह के मालिक गौतम कुंडू को भी गिरफ्तार किया गया था। इन मामले में टीएमसी नेताओं के नाम भी आए थे और कुछ की गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन सभी फिलहाल जमानत पर हैं। सारधा मामले में सीबीआई अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है।