हावड़ा के जाने माने समाजसेवी, राजनीतिक, वकील जी.एल. गुप्त से एक मुलाकात

हावड़ा। Kolkata Desk : समाजसेवी वकील जी.एल. गुप्त नेशनल ह्यूमन राइट्स कमेटी ऑफ इंडिया के 2010 से संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, साथ ही (NRPI) नेशनल रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के भी संस्थापक और सर्वभारतीय अध्यक्ष हैं। पेशे से वकील और कार्य से समाज सेवा। दरअसल वकालत के पेशे में सभी तरह की समस्या और सिर्फ समस्या ही लोग सुनाने आते हैं और समाधान भी चाहते हैं। अब इस पेशे से जो जुड़े होते हैं वो अगर इन समस्याओं से दिल न लगाते हुए सिर्फ दिमाग लगाएंगे तो रुपये कमाने में ही लगे रहेंगे और पूरे समय वे वकालत ही करेंगे यानी पेशा, परंतु यदि दिमाग के साथ दिल का भी उपयोग कर ले तो फिर समाजसेवा की ओर उन्मुख होंगें जिसका की अंतिम पड़ाव राजनीति ही है।

यही वजह है कि छात्र संघों के तरह ही वकालत से जुड़े दिल की आवाज सुनने वाले लोग राजनीति की ओर उन्मुख हो जाते हैं। जी.एल. गुप्त ने भी दिमाग के साथ दिल की भी सुनी और समाज सेवा करने लगे। उनका यही कहना है कि महिलाओं, गरीबों, बच्चों और निरीह लोगों पर जब बाहुबलियों या मुहल्ले के दादाओं का अत्याचार होता है और थाने में जाने पर इनकी FIR तक भी दर्ज नहीं होती है, उल्टे इन्हें घंटो बैठा कर रखा जाता है।

आज स्थिति ये है कि आम नागरिकों थानों में जाने से कतराते हैं। क्योंकि वहां जाने से खुद को ही बेइज्जती महसूस होती है। FIR लिखवाने जाने पर पुलिस वाले गाली गलौज तक करते हैं। इससे बचना है तो रसूख वाले लोगों को या फिर राजनीतिक दलों के नेताओं को साथ ले जाना होगा और यही लोग अगर आपके साथ होते तो फिर तो आप पीड़ित ही क्यों होते!

इन्हीं सब समस्याओं के चलते जी.एल. गुप्त ने अपना एक एनजीओ 2010 में बनाया और इसके माध्यम से इस तरह के असहाय लोगों की मदद करने लगे। इन्होंने बताया कि हम लोग ज्यादातर घरेलू हिंसा के शिकार महिलाओं और बच्चों के साथ सीनियर सिटीजन को मदद पहुंचाने का कार्य करतें है। बहुत से ऐसे बुजुर्ग भी है जिनका एक ही बच्चा है और उन्हें पढ़ा लिखा कर लायक बना दिया और बाद में वही बच्चा अपने माँ-बाप को उनके ही घर से बाहर निकाल देते है। इस तरह के प्रताड़ित बुजुर्गों के साथ हम लोग खड़े होते हैं।

इन्हीं सब सामाजिक कार्यों को और मजबूती प्रदान करने के लिए इन्होंने अपनी एनजीओ के अलावे एक राजनीतिक पार्टी का गठन 2017 में किया है जिसका नाम है नेशनल रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (NRPI)। इसका रजिस्ट्रेशन 2 फरवरी 2019 में मिला। पार्टी बनाने का कारण सभी तबके के लोगों का साथ लेना था ताकि पीड़ितों को साथ देने के लिए अकेले न रहे, अतः अब सभी सदस्यों के साथ मिल कर लोगों की समस्याओं को दूर करते हैं और सहायता प्रदान करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि आपकी पार्टी का जनाधार सिर्फ बंगाल में है या देश के अन्य प्रांतों में भी है, के जबाब में इन्होंने बताया कि हमने अपनी पार्टी का विस्तार सर्व भारतीय स्तर पर किया है और कर रहा हूं इस बार बंगाल विधानसभा चुनाव में हमने 4 उम्मीदवारों को खड़ा किया था। नगर निगम और पंचायत चुनाओं में ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार देने की कोशिश करूंगा।
हमारे प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद और नेताजी सुभाष बोस हैं। दोनों ही महापुरुष सिर्फ बंगाल या हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के प्रेरणा स्रोत हैं।

यह पूछे जाने पर की आप अपने कार्यों में कहां तक सफल होंगे? के जवाब में उनका कहना था कि छोटी-छोटी नदियों से ही समुद्र बनता है और हमलोग लोगों के छोटे-छोटे कार्यो को करके ही आगे बढ़ेंगे। आपके इस तरह के सामाजिक कार्यों से कोई बाधा या समस्याएं आई है या नहीं? के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि आप कानूनी और संवैधानिक रूप से सही हैं तो मुश्किल से मुश्किल हालात भी आपका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते।

ज्यादातर गरीब लोग यही चाहते हैं कि कोर्ट के बाहर ही आपसी विवादों को मिटा लें। लेकिन अगर कोई पक्ष राजी नहीं होता है तो उनके लिए कोर्ट का दरवाजा हमेशा ही खुला हुआ ही है। कारण कुछ मामले ऐसे भी होते की हमलोगों की एनजीओ भी कुछ नहीं कर सकती तो फिर आखिरी में कोर्ट का ही रास्ता बचता है।

आपने समाजसेवी होने के नाते राजनीतिक पार्टी बनाया है और बाकायदे चुनाव आयोग से रजिस्ट्रेशन करके तो कहीं कोई समस्या तो नहीं आई दूसरी पार्टीयों से? के जबाब में जी.एल. गुप्त ने बताया की चुकी हमलोग हमेशा से ही अपने NGO के माध्यम से समाज सेवा करते आए हैं और सभी पार्टियों और सभी लोगों के साथ हम लोगों का अच्छा संपर्क है और फिर सभी का उद्देश्य भी तो लोगों की सेवा करना ही है, तो फिर समस्या कहां से आ सकती है और मैं तो खुद भी कानून का जानकार हूँ तो कोई भी गैर कानूनी कार्यवाही या असंवैधानिक कार्यों में हम लोग सहयोग नहीं करते हैं।।कोलकाता हिंदी न्यूज की ओर से जी.एल. गुप्त को बहुत-बहुत शुभकामनाएं आप इसी प्रकार गरीब और असहाय लोगों की सेवा करते रहे।

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