वाराणसी। सामान्य उपाय में यदि आप मंगल ग्रह के कुप्रभाव से ग्रसित है तो एक बार मुंगा अवश्य धारण करे मुंगा धारण करने से पूर्व निम्नांकित बातो का ध्यान रखे :
* मुंगे का चयन करने के पूर्व यह आवश्यक है कि यह कम से कम 5 रत्ती का अवश्य होना चाहिये।
* मुंगा चमकदार, साफ, स्वच्छ निर्दोष एवं चिकनापन लिये होना चाहिये।
* कभी भी टुटा-फुटा स्क्रेच किया हुआ गड्डेदार, घीसा हुआ मूंगा धारण नही करना चाहिए ।
* मूंगे कि असलियत परख कर ही धारण करना चाहिए।
* अण्डाकार मूंगा जीवन में उन्नति एवं गतिशीलता के लिए धारण करना चाहिए।
* त्रिभूजाकार मूंगा शत्रुओ एवं रोगो से ग्रसित व्यक्तियों को साथ ही जिनके विवाह में रूकावट बाधॉंऐं अथवा मंगल के कारण विलम्ब हो रहा हो तो धारण करना चाहिए।
* लॉकेट के रूप में मूंगा लग्न कुण्डली के केन्द्र में मंगल होने पर अथवा ज्यादा खराब स्थिति होने पर एवं स्त्रीयो को धारण करना चाहिए।
* मूंगा धारण करने की विधि मूंगा, सोना, तॉबा अथवा पंचधातु की अंगुठी के साथ साथ चॉदी में भी धारण किया जा सकता है। सबसे ज्यादा प्रभावशील स्वर्ण धातु में होता है। इसे मंगलवार के दिन शुभ नक्षत्र में शुभ मुहुर्त में बनवाना व पहनना चाहिए तभी यह पुरी तरह असर कारक होगा। मूॅगे की अंगुठी बनाकर इसका विधिवत् पूजन, जाप एवं शुद्धि करण के पश्चात् मंगलवार के दिन समय। के मध्य ओम् क्रॉं क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र के 1108 जप के पश्चात् पुरूषो को सीधे हाथ की तर्जनी उंगली मे व महिलाओ को बॉए हाथ की तर्जनी उंगली मे धारण करना चाहिए।
नोट – मूंगा अंगुठी में धारण करने से पूर्व इसकी एक बार जॉच अवश्य करे जॉच करने के लिए मूंगें को मंगलवार के दिन शुभ समय देखकर लाल रंग के कपड़े में बांधकर अपने सीधे हाथ के बाजु में बांधे तथा इसके शुभ एवं अशुभ प्रभाव को 7,8 दिनो तक नोट करे यदि मूंगा धारण करने पर आपको शुभ फलो की प्राप्त होने लगे तो इसे फिर अंगुठी में धारण करें यदि यह अशुभ प्रभाव छोडता है। जैसे मूंगा धारण करने पर अत्यधिक क्रोध आना, बेचेनी होना, पूर्व से चल रही समस्याओं का अचानक बढ जाना, भूमि भवन से अप्रत्याशित हानि हो जाना इत्यादि हो तो शीध्र ही इसे उतार दे व यह माना जाए की आपके अनुकुल नही है, आपको अन्य किसी अन्य उपाय की आवश्यकता है।
ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848