जलऋषि स्वामी चिदानंद सरस्वती व वनौषधि विज्ञानी आचार्य बालकृष्ण के सानिध्य में सम्पन्न हुआ ‘जल संवाद’

  • कृषिजीवी सम्मान से सम्मानित हुए कृषि कर्मयोगी

अंकित तिवारी, नईदिल्ली। प्रेस क्लब आफ इंडिया के भव्य सभागार में ‘कृषिजीवी’ सम्मान से सम्मानित हुए कृषि कर्मयोगी, संपन्न हुआ ‘जल संवाद’। परंपरागत जल संरक्षण पर बोलते हुए स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने जल तत्व की महत्ता का बखान करते हुए कृषिजीवियों को संबोधित करते हुए कहा, जल है तो कल है। समस्त प्राणी, जीव जंतु और खेत बिना जल के अस्तित्वहीन है। हमारी परंपरा ने हमे मेड़बनन्दी के माध्यम से खेतों को जीवंत बनाये रखने का मंत्र दिया है। इस पद्धति का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार होना चाहिए।

स्वामी जी ने कहा कि हमें अपने बल को सम्बल बनाना है, हमें सामुदायिक सहयोग के माध्यम से खेतों को खुशहाल बनाना है। आचार्य बालकृष्ण ने खेत पर मेड़, मेड़ पर पेड़ के संदर्भ में कहा, हमे मेड़ पर हल्के और कम छायादार पेड़ लगाना है। ऐसे पेड़ जो अपने फलों से किसान की आय बढ़ाएं और खेतों के लिए संजीवनी बने। औषधीय पेड़ मेड के लिए और किसान के लिए काफी हितकारी हैं। पूर्व जल सचिव, यू.पी. सिंह ने कहा, मैं जलतीर्थ जखनी देख आया हूं, वहां के कर्मठ लोगों के सामूहिक प्रयास का ही परिणाम है कि आज देश दुनिया में जल संरक्षण के लिए जखनी मॉडल का नाम गूंज रहा है।

जलग्राम जखनी के उमाशंकर पांडेय के कर्मठ प्रयासों के कारण ही भारत सरकार ने उन्हें ‘जलयोद्धा’ के सम्मान से पुरस्कृत किया है। नीति आयोग के अविनाश मिश्रा ने कहा कि जखनी के लोगों का सामूहिक प्रयास ही उनकी सफलता मंत्र है। डॉ. विश्वपति त्रिवेदी ने सब का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लोग सरकार के मुखापेक्षी बने रहते हैं पर हमारे ‘जलयोद्धा ने’ सरकार को नही बल्कि सरोकार को अपना आराध्य माना, यह सफलता इसी जमीनी सोच का परिणाम है।

देश के विभिन्न अंचलों से आये कृषि योगियों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं के साथ अपनी सफलता की दास्तान सुनाई। इंद्रमोहन अग्रवाल ने एकल अभियान के माध्यम से जल संवाद को गांव गांव तक ले जाने का लक्ष्य रखा। नीति आयोग के सलाहकार अविनाश मिश्रा जी ने जल की उपयोगिता के बारे बताया।विश्वपति त्रिवेदी ने कार्यक्रम की गांव गांव तक ले जाने का आग्रह किया। कार्यक्रम के निदेशक टिल्लन रिछारिया ने इस कार्यक्रम के आयोजन के प्रयोजन के बारे में बताया और लोकेश शर्मा ने मंच से कार्यक्रम का संचालन किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty − 18 =