Voting continues at a brisk pace in the first phase of Jammu and Kashmir assembly elections

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में तेजी से मतदान जारी

श्रीनगर, 18 सितंबर : जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान बुधवार सुबह प्रारंभ हुआ जिसमें लोग बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं और कई मतदान केंद्रों पर लंबी-लंबी कतारें देखी गयीं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद पहली बार केंद्र शासित प्रदेश में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इस चरण में सात जिलों में 24 सीट पर मतदान हो रहा है।

केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद और पिछले 10 वर्षों में जम्मू कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है।

केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया था। अधिकारियों के अनुसार, मतदान शुरू होने के पहले दो घंटे में 11.11 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

उन्होंने बताया कि मतदाता खासतौर से महिलाएं और बुजुर्ग सुबह-सुबह मतदान केंद्रों के बाहर खड़े दिखायी दिए। सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से पहले ही कई केंद्रों पर लंबी कतारें देखी गयीं।

उन्होंने बताया कि मतदान में तेजी आयी और धूप खिलने के साथ ही पहले घंटे के बाद कतारें और लंबी हो गयीं।

मतदाताओं ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को लंबे समय के बाद अपनी विधानसभा के सदस्य चुनने का मौका मिल रहा है और वे इस अवसर का लाभ उठा रहे हैं।

कुलगाम के बशीर अहमद ने कहा, ”आज लोकतंत्र का उत्सव है। हम 10 साल बाद अपने प्रतिनिधि चुन रहे हैं। लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार अन्य सरकारों से बेहतर होती है।”

उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों के सामने कई मुद्दे हैं लेकिन राज्य का दर्जा बहाल करना सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है।

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा समेत सभी बंदोबस्त किए गए हैं और 24 विधानसभा सीट पर मतदान सुचारू रूप से जारी है। जिसमें 90 निर्दलीयों समेत 219 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला 23 लाख से अधिक मतदान करेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि 3,276 मतदान केंद्रों पर कुल 14,000 मतदान कर्मी मतदान प्रक्रिया पर नजर रखेंगे।

कश्मीर में प्रमुख उम्मीदवारों में, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव गुलाम अहमद मीर, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) की सकीना इटू, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सरताज मदनी तथा अब्दुल रहमान वीरी शामिल हैं।

पीडीपी की इल्तिजा मुफ्ती श्रीगुफवारा-बिजबेहरा और पार्टी की युवा इकाई के नेता वहीद पारा पुलवामा से चुनाव लड़ रहे हैं।

जम्मू में अपनी किस्मत आजमा रहे प्रमुख नेताओं में पूर्व मंत्री सज्जाद किचलू (नेकां), खालिद नजीद सुहारवर्दी (नेकां), विकार रसूल वानी (कांग्रेस), अब्दुल मजीद वानी (डीपीएपी), सुनील शर्मा (भाजपा), शक्ति राज परिहार (डोडा पश्चिम) और गुलाम मोहम्मद सरूरी शामिल हैं, जो तीन बार के विधायक हैं और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। दो साल पहले गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस छोड़ने के बाद वह डीपीएपी में शामिल हो गए थे।

पूर्व विधायक दलीप सिंह परिहार (भाजपा), पूर्व विधान परिषद सदस्य फिरदौस टाक और इम्तियाज शान (पीडीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) की नेता एवं जिला विकास परिषद, किश्तवाड़ की मौजूदा अध्यक्ष पूजा ठाकुर और भाजपा का युवा चेहरा शगुन परिहार, जिनके पिता अजीत परिहार और चाचा अनिल परिहार की नवंबर 2018 में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, तथा आम आदमी पार्टी (आप) की मेहराज दीन मलिक चुनाव मैदान में उतरे प्रमुख चेहरों में शामिल हैं।

बुधवार को जिन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहा है उनमें पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा, शोपियां, डीएच पोरा, कुलगाम, देवसर, डूरू, कोकेरनाग (सुरक्षित), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवारा-बिजबेहरा, शांगस-अनंतनाग पूर्व, पहलगाम, इंदरवाल, किश्तवाड़, पैडर-नागसेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल शामिल हैं।

मतदान शाम सात बजे समाप्त होगा। दो अन्य चरणों के चुनाव के लिए मतदान 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होगा जबकि मतगणना आठ अक्टूबर को होगी।

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