TMC requested to file chargesheet in RG Kar Hospital case soon

आरजी कर पीड़िता के पिता ने CM ममता पर लगाए गंभीर आरोप!

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में अब एक नया मोड़ आया है। इस मामले में पीड़िता के पिता ने कहा है कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार ने संदीप घोष के खिलाफ पहले ही कार्रवाई की होती तो उनकी बेटी अभी भी जिंदा होती। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल घोष पर वित्तीय कदाचार का आरोप है।

9 अगस्त को अस्पताल में एक महिला डॉक्टर का शव मिलने के बाद ये आरोप सामने आए। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में अपने कार्यकाल के दौरान घोष द्वारा कथित वित्तीय कुप्रबंधन के कारण जांच शुरू हो गई है। कॉलेज अधिकारियों की शिकायतों के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू की।

उन्होंने उन पर विकास और शोध परियोजनाओं के लिए निर्धारित धन को डायवर्ट करने का आरोप लगाया। अस्पताल में बलात्कार और हत्या के मामले में संदीप घोष की भी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रही है। इसी जांच के बाद उसे गिरफ्तार किया गया।

पीड़िता के पिता ने सीबीआई के प्रयासों पर कहा, “सीबीआई अपना काम कर रही है, हम जांच के बारे में कुछ नहीं कह सकते। जो भी इस हत्या से किसी न किसी तरह जुड़े हैं या जो सबूतों से छेड़छाड़ में शामिल हैं, उन सभी से पूछताछ की जा रही है।”

बेटी के जाने का दुख झेल रहे पिता ने आगे बताया कि अगर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2021 में घोष पर पहली बार आरोप लगने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की होती, तो उनकी बेटी का ऐसा दुखद अंत नहीं होता।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, “साल 2021 में आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगा था। अगर मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) ने उस समय घोष के खिलाफ कार्रवाई की होती, तो मेरी बेटी आज जिंदा होती।”

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन ने भी देश का ध्यान खींचा है। पीड़ित के पिता ने उनके प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा, “वे (जूनियर डॉक्टर) विरोध में बैठे हैं। वे सभी मेरे बच्चों की तरह हैं और हमें उन्हें इस तरह देखकर दुख होता है।”

इन घटनाओं ने पश्चिम बंगाल में चिकित्सा संस्थानों के भीतर जवाबदेही और शासन व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घोष से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं और आपराधिक गतिविधियों की जांच जारी रहने के कारण, कई लोगों को न्याय और सुधार की उम्मीद है।

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