कोलकाता। विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दो निष्कासित विद्यार्थियों को सूचित किया है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के हालिया आदेश का अनुपालन करते हुए उनके खिलाफ 23 अगस्त को जारी निष्कासन आदेश पर फिलहाल के लिए अमल नहीं किया जा रहा है। तीन निष्कासित स्नातकोत्तर छात्रों – सोमनाथ साओ, फाल्गुनी पान और रूपा चक्रवर्ती – ने 9 सितंबर को प्रॉक्टर को अलग-अलग ईमेल भेजकर उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार उन्हें तुरंत कक्षाओं में बैठने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
संबंधित मामले में, प्रॉक्टर ने विद्या भवन के प्रधानाचार्य और अर्थशास्त्र एवं राजनीति विभाग के प्रमुख को शुक्रवार को निष्कासन आदेश को स्थगित रखने को कहा। पत्र में कहा गया, “माननीय उच्च न्यायालय के दिनांक आठ सितंबर के आदेश के संदर्भ में निष्कासन आदेशों को स्थगित रखा गया है। आपसे अनुरोध है कि तदअनुसार उचित कार्रवाई करें। यह आपकी तत्काल कार्रवाई के लिए है।”
अर्थशास्त्र के दो छात्र सोमनाथ साओ और फाल्गुनी पान हैं। निष्कासित छात्रा रूपा चक्रवर्ती संगीत विभाग की छात्रा है। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि इसी तरह का एक नोटिस जल्द ही संगीत भवन के प्रमुख को भी जारी किया जाएगा ताकि रूपा कक्षाओं में जा सके।
नौ जनवरी को विश्व भारती परिसर में एक विरोध सभा के दौरान कथित कदाचार के लिए तीन विद्यार्थियों को 23 अगस्त को निष्कासित कर दिया गया था। विश्वविद्यालय में निष्कासन के खिलाफ 27 अगस्त से छात्रों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने आठ सितंबर को अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि तीन साल के लिए छात्रों का निष्कासन कठोर एवं बहुत ज्यादा है।