तीसरे टेस्ट में वापसी कर सकते हैं विराट

जोहानसबर्ग। भारतीय टीम के नियमित टेस्ट कप्तान विराट कोहली पीठ की ऐंठन के कारण जोहानसबर्ग में हुए दूसरे टेस्ट से चूक गए थे। उम्मीद है कि केपटाउन में खेले जाने वाले तीसरे और निर्णायक टेस्ट में वह वापसी कर सकते हैं। दूसरे टेस्ट में भारत के कप्तान रहे लोकेश राहुल ने कहा, “विराट अब अच्छा महसूस कर रहे हैं, उन्होंने पिछले कुछ दिनों में नेट्स किए हैं, क्षेत्ररक्षण किया और मैदान के चारों ओर दौड़ भी लगाई। मुझे लगता है कि उन्हें ठीक हो जाना चाहिए।”
बाद में प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने भी इसी तरह की बात कही।

द्रविड़ ने कहा, “हर तरह से वह ठीक होने चाहिए। उन्हें थोड़ा इधर-उधर दौड़ने का अवसर मिला है, उन्हें अभ्यास करने का अवसर मिला है, मैंने यहां पर नेट में उन्हें केवल थ्रो डाउन कराया लेकिन केप टाउन में उम्मीद हे कि वह पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे।” द्रविड़ ने साथ ही कहा,”मैंने अभी तक फ़िजियो के साथ विस्तार से बात नहीं की है, लेकिन जो कुछ भी मैं सुन रहा हूं उनके साथ बातचीत करने से, मुझे लगता है कि वह वास्तव में सुधार कर रहे हैं और चार दिनों के समय में जाने के लिए अच्छा होना चाहिए।”

अगर कोहली वापस आते हैं, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि भारत की दूसरी पारी में नाबाद 40 रनों की पारी खेलने वाले हनुमा विहारी की बेंच पर वापसी हो सकती है। भारत ने अपने सीनियर बल्लेबाज़ों का समर्थन करना जारी रखा। विहारी को श्रेयस अय्यर की जगह पहली पसंद रखा गया। श्रेयस ने अपने पहले ही टेस्ट में शतक बनाया था। द्रविड़ ने विहारी की तारीफ़ की। उन्होंने पहली पारी में उनके योगदान के बारे में भी बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि युवा खिलाड़ियों को हमेशा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ता है।

द्रविड़ ने कहा, “सबसे पहले मुझे लगता है कि विहारी ने इस टेस्ट मैच में वास्तव में दोनों पारियों में अच्छा खेला। मुझे लगता है कि पहली पारी में वह दुर्भाग्य से आउट हुए। एक गेंद अ​सीमित उछाल के साथ आई और उनकी उंगलियों पर लग गई और पास खड़े क्षेत्ररक्षक ने एक कठिन कैच पकड़कर उन्हें आउट किया। उन्होंने दूसरी पारी में खूबसूरती से बल्लेबाज़ी की, जिससे हमें बहुत आत्मविश्वास मिला।”

द्रविड़ ने कहा,”श्रेयस ने भी दो या तीन टेस्ट मैचों में ऐसा किया है, उन्होंने भी रन बनाए हैं और मुझे लगता है कि उन्हें यह सोचना चाहिए कि जब भी उन्हें अवसर मिल रहे हैं तो वे अच्छा कर रहे हैं। उनको पीछे मुड़कर देखने की ज़रूरत है कि जो आज हमारे सीनियर खिलाड़ी हैं उन्हें भी अपने समय का इंतज़ार करना पड़ा था।उनके करियर की शुरुआत में उन्हें भी बहुत रन बनाने थे। यह सिर्फ़ खेल की प्रकृति है और यह होगा। इसलिए मुझे लगता है कि वे उनके प्रदर्शन से से सीख सकते हैं और विहारी ने जिस तरह से इस मैच में बल्लेबाज़ी की उससे बहुत आत्मविश्वास मिला।”

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